सीरीज़- असुर: वेलकम टू योर डार्क साइड
डायरेक्टर- ओनी सेन
स्टार कास्ट- अरशद वारसी, बरुन सोबती, अनुप्रिया गोयनका, ऋद्धि डोगरा, शारिब हाशमी, अमेय वाघ, पवन चोपड़ा, गौरव अरोड़ा
स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म- वूट सेलेक्ट
शैली- सस्पेंस-थ्रिलर
रेटिंग- 4/5
आज कल बनने वाली लगभग हर सीरीज़ फ़िल्मों को सीधा टक्कर दे रही है और उसी में से एक आई है सस्पेंस और थ्रिलर से भरी सीरीज़ असुर। इसका डायरेक्शन ओनी सेन ने किया है और इसमें अरशद वारसी, बरुन सोबती, अनुप्रिया गोयनका, शारिब हाशमी लीड रोल में हैं। इस सीरीज़ को गौरव शुक्ला, विनय छावल और निरेन भट्ट ने लिखा है। सीरीज़ की कहानी को पौराणिक कथाओं से आज के जीवन को जोड़कर दिखाया गया है और साथ ही इसमें सीरियल कीलिंग भी दिखाई गई है। तो आइए जानते हैं, क्या है इसकी कहानी-
सीरीज़ असुर की शुरुआत होती है एक ब्राह्मण से जो कि कर्मकांड करवाता है और अपने बेटे को वो असुर बोलता है। उसके बेटे का आईक्यू काफ़ी तेज़ होता है उसे श्रीमद्धभागवत पूरी याद होती है और यही वजह है कि उसके पिता को लगता है कि वो असुर है। कुछ दिन बाद बेटा अपने पिता को ज़हर देकर मार देता है। दूसरी ओर सीबीआई अफ़सर धनंजय राजपूत (अरशद वारसी) को एक औरत की लाश मिलती है। जिसकी बेरहमी से हत्या की गई है और इस मामले की जाँच में सीबीआई की टीम जुट जाती है जिसमें लोलार्क (शारीब हाशमी) और रिद्धी डोगरा (नुसरत) ये सभी शामिल हैं। जब पहचान हुई तो पता चलता है कि वो लाश सीबीआई अफ़सर धनंजय की पत्नी की थी। सीबीआई में एक और अफ़सर था निखिल नायर (बरुन सोबती) जो कि विदेश चला गया था अब उसे वापस बुलाया जाता है और धनंजय राजपूत को पत्नी के क़त्ल के इल्ज़ाम में गिरफ्तार कर लिया जाता है। इसके बाद भी कई नामी लोगों की हत्याएँ होती हैं और सीबीआई क़ातिल की तलाश में जुटी रहती है। आख़िर में क्या पता चलेगा? क्या वह लड़का जिसे असुर कहा जाता है उसने सारी हत्याएँ की या कोई और है जो कि एक के बाद एक हत्या कर रहा है? सीबीआई क़ातिल तक कैसे पहुँचेगी? यह सब जानने के लिए आपको शानदार सीरीज़ असुर को देखनी पड़ेगी।
असुर में क्या है ख़ास?
जहाँ एक तरफ़ सीरीज़ असुर में सीरियल कीलिंग और तफ़्तीश दिखाई गई है वहीं दूसरी तरफ़ इसकी कहानी में धर्म को आज के परिवेश से काफ़ी अच्छे से जोड़ा गया है। सीरीज़ में सतयुग-कलयुग और देवता-दैत्य के बारे में भी बताया गया है। सीरीज़ में एक लाइन है कि आजकल अच्छा होना सबसे बुरी बात है जिससे साफ़ मतलब निकलता है कि कहीं न कहीं अब सभी के मन में छल-कपट ही रह गया है और ऐसे में अगर कोई शरीफ़ है तो उसे कुछ नहीं समझा जाता। तो वहीं असुर को धर्म से भी जोड़ा गया है कि धर्म के नाम पर कुछ भी किया जा सकता है। किसी का भी मन बदला जा सकता है। धर्म, अंधकार, छल-कपट और दैत्य-देवताओं की पौराणिक कहानी के साथ सीरीज़ में बख़ूबी से सस्पेंस क्राइम को जोड़ा गया है।
कलाकारों की अदाकारी
अरशद वारसी ने अपने किरदार को बख़ूबी निभाया है और अंत तक मंझे रहे है। वहीं बरून सोबती ने भी काफ़ी अच्छी एक्टिंग की और कई जगह सिर्फ़ चेहरे के भावों भर से उन्होंने कमाल किया है। शारीब हाशमी ने बेहतरीन एक्टिंग की है उनकी पूरी सीरीज़ में एक्टिंग रियलिस्टिक रही। इसके अलावा बाक़ी सभी किरदार अनुप्रिया गोयनका, ऋद्धि डोगरा, अमेय वाघ, पवन चोपड़ा और गौरव अरोड़ा ने भी अपने किरदार को बख़ूबी निभाया है।
डायरेक्शन
किसी भी कहानी में दम हो तो उसमें किरदारों की एक्टिंग और डायरेक्शन चार चांद लगाने का काम करते हैं। सीरीज़ असुर में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। इसकी बेहतरीन कहानी में डायरेक्टर ओनी सेन ने शानदार डायरेक्शन किया है। उन्होंने कहानी के लिए किरदारों का भी चुनाव अच्छे से किया।
क्यों देखें सीरीज़?
इन दिनों पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है तो सभी लोग अपने घरों में ही है और इस बीच वूट ऐप पर बेहतरीन सीरीज़ असुर भी आ गई है। जिसे आप आराम से बैठकर देख सकते हैं। यह सीरीज़ आपको निराश नहीं करेगी। एक भी एपिसोड आपको बोर नहीं करेगा। साथ ही सस्पेंस और थ्रिलर का आपको फुल डोज़ मिलेगा। इसके अलावा इस सीरीज़ का दूसरा सीज़न भी आयेगा तो जल्दी से पहला देख लीजिए।
क्यों न देखें सीरीज़?
अगर आप डेड बॉडी वगैरह नहीं देख पाते तो ये सीरीज़ न देखें क्योंकि इसमें फॉरेसिंक साइंस को पूरी तरह से दिखाया है।
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