पीएम मोदी ने रात के आठ बजे एक घोषणा से लोगों की नींद उड़ा दी थी। अब भूपेश बघेल ने रात को नींद उड़ाने वाला नुस्खा अपना लिया है। हालाँकि यह नुस्खा आम लोगों पर नहीं, अफ़सरों पर अपनाया गया है।
चुनाव से पहले एस. आर. पी. कल्लूरी को दुर्दांत अधिकारी बताने वाले भूपेश बघेल ने सरकार बनने के बाद कल्लूरी को पुरस्कृत कर एंटी करप्शन ब्यूरो और ईओडब्ल्यू का आईजी बना दिया है।
कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री का चयन करने में काफ़ी परेशानी हुई। राज्य में ताम्रध्वज साहू, भूपेश बघेल, चरणदास महंत और टी. एस. सिंह देव सीएम पद के दावेदार थे।
राजस्थान में अशोक गहलोत ने सीएम और सचिन पायलट ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। आज मध्य प्रदेश में कमलनाथ और छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल भी शपथ लेंगे।
तीन राज्यों में शपथग्रहण के दौरान कांग्रेस विपक्षी एकता की नींव मज़बूत करने में जुटी है। लेकिन तीन बड़े नेताओं के नहीं आने से मज़ा किरकिरा होने की संभावना है।
भूपेश बघेल ने राज्य में कांग्रेस सगंठन को मजबूत करने के लिए काफ़ी मेहनत की। प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने रमन सिंह की सरकार को सत्ता से बाहर करने में अहम भूमिका निभाई।
छ्त्तीसगढ़ में सीएम के नाम का एलान करने में कांग्रेस नेतृत्व को माथापच्ची करनी पड़ रही है। अब बताया जा रहा है कि थोड़ी देर में सीएम के नाम की घोषणा कर दी जाएगी।
ऐसी ख़बरें हैं कि संघ परिवार के लोगों ने छत्तीसगढ़ में चुनावी अभियान से अपने हाथ पूरी तरह खींच लिए थे? क्यों? मुख्यमंत्री रमन सिंह से उनकी क्या नाराज़गी थी?
छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने जनता के मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय मुफ़्त चीजें बाँटने पर ध्यान दिया। इसके अलावा पार्टी की भावनात्मक मुद्दों के सहारे जीतने की कोशिश भी फ़ेल हो गई।
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिज़ोरम के नतीजों के लिए मतगणना 8 बजे से शुरू होगी। इन राज्यों के नतीजों को लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।
न तो अजीत जोगी की पैंतरेबाज़ी काम आई और न ही बीजेपी एंटी-इन्कम्बेंसी से पार पा पाई। बिना चेहरे के ही कांग्रेस ने नई तसवीर पेश कर दी। बल्कि यूँ कहें तो बदल डाली।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर घमासान मचा है। सोनिया गाँधी के बर्थडे के बहाने तमाम दावेदारों ने पार्टी आलाकमान के सामने शक्ति परीक्षण किया।
पीएम मोदी के इस बार सिर्फ़ चार सभाओं को संबोधित करने से राज्य की राजनीति में कई तरह की चर्चाएं हैं। विपक्षी नेताओं के अनुसार पीएम मोदी का जादू अब ख़त्म हो चुका है।