छत्तीसगढ़ में ईडी छापों की टाइमिंग बहुत खास है। राज्य में कांग्रेस पार्टी का पूर्ण सत्र और विधानसभा चुनाव जल्द होने वाले हैं। ऐसे में ईडी ने कांग्रेस नेताओं के आवास और दफ्तरों पर ठिकाने मारना शुरू कर दिया है। हालांकि वित्त मंत्री इन छापों के बचाव में उतर आई हैं।
क्रिसमस और नए साल के मौके पर तमाम चर्च में हो रहे कार्यक्रमों पर धर्मांतरण का आऱोप लगाकर हमले हो रहे हैं। आज 2 जनवरी को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में दोपहर को ऐसी घटना हुई, जिसमें एसपी घायल भी हो गए। पिछले मंगलवार को कर्नाटक के मैसुरु में ऐसी घटना हुई थी।
फिल्म पठान के गाने बेशर्म रंग में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के द्वारा पहने गए कपड़ों को लेकर दक्षिणपंथी और हिंदुत्ववादी समूहों ने शाहरुख खान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। फिल्म का विरोध करने वालों को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने क्या कहा है?
विधेयकों के मुताबिक, राज्य के आदिवासी समुदाय को 32 फीसद जबकि ओबीसी को 27 फीसद, दलित समुदाय को 13 फीसद और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दाखिले में 4 फीसद आरक्षण मिलेगा।
ईडी ने एक घोटाले के सिलसिले में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम 2002 के तहत छत्तीसगढ़ में एक शीर्ष अधिकारी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की है। जानिए क्या है मामला।
ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा फ़ैसले के बाद जिस तरह से कई राज्यों में 50 फ़ीसदी आरक्षण सीमा के पार जाने के कयास लगाए जा रहे थे, क्या अब उसकी शुरुआत हो गई है?
कांग्रेस की केंद्र और राज्य इकाइयों में लगातार घमासान की खबरें आती रहती हैं। तमाम राज्यों में पार्टी इसी घमासान के कारण चुनाव हार चुकी है और गिने-चुने दो राज्यों में जहां वह सत्ता में है, वहां भी पार्टी नेता आमने-सामने हैं।
क्या छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की तैयारी है? छत्तीसगढ़ में अब कुछ ऐसे घटनाक्रम घट रहे हैं जिसे कांग्रेस सरकार पर संभावित संकट से जोड़कर देखा जा रहा है। जानिए क्या है पूरा मामला है।
सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह क़ानून पर रोक लगा दी है। क्या इस क़ानून की ज़रूरत है? इसका आकलन छत्तीसगढ़ की सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी पर लगाए गए राजद्रोह के आरोपों से भी लगाया जा सकता है। वह आरोपों से बरी हो गईं, लेकिन ज़िंदगी तबाह हो गई।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेताओं को उम्मीद है कि दोनों सीटों पर प्रदेश के नेताओं को मौका दिया जा सकता है लेकिन केंद्रीय नेताओं के नाम चर्चा में आने के बाद उनकी बेचैनी बढ़ गई है।