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प्रतीकात्मक तसवीर।

छत्तीसगढ़ में सांप्रदायिक हिंसा, महीनों से बढ़ रहा था तनाव

छत्तीसगढ़ के बेमेतरा ज़िले के बीरनपुर गाँव में दो समुदायों के बीच में झड़प के बाद एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। कम से कम 11 आरोपियों को पकड़ा गया है। वैसे, तो कहा जा रहा है कि विवाद दो बच्चों के बीच मामूली लड़ाई से शुरू हुई थी, लोग मामला सुलझाने के लिए जुटे थे और फिर झड़प हो गई, लेकिन दोनों समुदायों के बीच तनाव महीनों से था। यही वजह है कि बच्चों के बीच कहा-सुनी बस चिंगारी की तरह साबित हुई और तनाव खुलकर सामने आ गया।

गांव में शनिवार को बवाल हुआ था। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार विवाद बढ़ने पर दो समुदायों के बीच पथराव हुआ, लाठियां चलीं और तलवारों से हमले किए गए। भीड़ ने पुलिस पर भी हमला किया। जिस गाड़ी से पुलिसवाले गाँव में पहुँचे थे उसमें आग लगा दी गई। हमले में पुलिसकर्मी भी घायल हो गये। बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज कर इन्हें खदेड़ा और तब स्थिति संभली।

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जिस गांव में यह हिंसा हुई है उसकी आबादी क़रीब 1,200 लोगों की बताई जाती है। बीरनपुर में लगभग 200 मुस्लिम और 1,000 हिंदू हैं। उनमें से 700 साहू समुदाय के हैं। कहा जा रहा है कि यहाँ दोनों समुदायों के बीच लंबे समय से तनाव की स्थिति बनी हुई थी। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार की हिंसा में मारे गए भुनेश्वर साहू के परिवार ने आरोप लगाया है कि झड़प में घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन कोई भी उनके बेटे की मदद के लिए आगे नहीं आया। इस बीच, मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने दावा किया कि हिंसक भीड़ ने उनके पड़ोस को घेर लिया था। 26 वर्षीय मोहम्मद सफीर ने अपने चेहरे पर चोटें दिखाईं जो उन्होंने दावा किया कि उन्हें ईंट से मारने के बाद चोट लगी थी।

रिपोर्ट में ग्रामीणों के हवाले से कहा गया है कि जनवरी से तनाव चल रहा है, जब साहू समुदाय के सदस्यों ने अंतर्धार्मिक विवाह की घटनाओं को लेकर एक बैठक की थी। उसमें हिंदुओं से मुस्लिम समुदाय से नाता तोड़ने की अपील की गई थी।

अंग्रेज़ी अख़बार के अनुसार भुनेश्वर के पिता ईश्वर साहू कहते हैं, 'ज्यादातर ग्रामीण इसमें शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि उनके घर पर मत खाओ, उनके साथ व्यापार मत करो। तुम ऊंगली दोगे तो वो लोग हाथ पकड़ेंगे। यह हमारे गाँव में हो रहे अंतर्धार्मिक विवाहों के कारण हुआ है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय लोगों के अनुसार, पिछले दो दशकों में, लगभग एक दर्जन अंतर्धार्मिक शादियाँ हुई हैं, जिनमें से एक हाल ही में हुई है।

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भूपेश बघेल सरकार पर हमले में बीजेपी के प्रदेश प्रभारी अरुण साव ने भी साहू समुदाय का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा, 'मुस्लिम समुदाय के लोगों ने साहू समुदाय के एक निर्दोष व्यक्ति की बेरहमी से हत्या कर दी है। यह बुराई की पराकाष्ठा है। भूपेश बघेल के शासन में छत्तीसगढ़ को तालिबान बनाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन जनता ऐसा नहीं होने देगी और आपको इसका जवाब देगी।'

छत्तीसगढ़ कांग्रेस मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, 'भाजपा अपनी राजनीतिक रोटी सेंक कर माहौल को और खराब करने की कोशिश कर रही है। इस घटना के आधार पर छत्तीसगढ़ में बंद का आह्वान बेहद आपत्तिजनक और निंदनीय है। एक विशेष घटना के आधार पर पूरे राज्य में अशांति फैलाने का प्रयास कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।' बता दें कि कई संगठनों ने रविवार को बंद का आह्वान किया था। 

संगठनों ने सोमवार को जिले में बंद का भी आह्वान किया है और कार्यकर्ताओं को बाजारों का चक्कर लगाते हुए लोगों से दुकानें बंद रखने की अपील करते देखा गया।

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क़मर वहीद नक़वी
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