बेरोज़गारी के खिलाफ निकली 'हल्ला बोल यात्रा' आज बिहार की राजधानी पटना पहुँची। यह पूरे बिहार का भ्रमण कर अब यात्रा पूरी कर चुकी है। पिछले महीने 16 अगस्त को यह यात्रा शुरू हुई थी। इसी को लेकर 25 सितंबर को सिन्हा लाइब्रेरी रोड स्थित अदिति कम्युनिटी सेंटर में युवा सम्मेलन का आयोजन किया गया है।
'युवा हल्ला बोल' संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने कहा कि सम्मेलन में यात्रा के अनुभव और रिपोर्ट साझा करने के अलावा आंदोलन की आगामी रूपरेखा भी रखी जायेगी। अनुपम के साथ प्रेस वार्ता में 'युवा हल्ला बोल' के कार्यकारी अध्यक्ष गोविंद मिश्रा, बिहार प्रभारी प्रशांत कमल, महासचिव रजत यादव भी उपस्थित रहे।
'युवा हल्ला बोल' के राष्ट्रीय महासचिव और यात्रा प्रभारी प्रशांत कमल ने कहा, 'बेरोज़गारी के खिलाफ एक राष्ट्रव्यपी आंदोलन की ज़मीन तैयार कर रहे अनुपम की यात्रा को प्रदेश में अपार जनसमर्थन मिला है। विशेष तौर पर युवाओं और बुद्धिजीवी वर्ग की कार्यक्रमों में खूब भागीदारी रही।' उन्होंने कहा कि हर जिले में व्यापक स्तर पर जनसंवाद करके जाति धर्म से ऊपर उठकर महँगाई-बेरोज़गारी पर बात की गई। बेरोज़गारी के समाधान के तौर पर 'भारत रोज़गार संहिता' यानी 'भ-रो-सा' का प्रस्ताव दिया गया।
16 अगस्त को पश्चिम चम्पारण के भितिहरवा गाँधी आश्रम से शुरू करके हल्ला बोल यात्रा का संदेश बिहार के सभी जिलों तक पहुंचा। पहले ही सप्ताह में यात्रा चम्पारण, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर होते हुए दरभंगा पहुँची थी।
अनुपम ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में सुनियोजित ढंग से बिहार में उद्योग नष्ट किया गया। बिहार के लोगों को आज दो वक्त की रोटी के लिए भी हजारों किलोमीटर पलायन करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस समस्या को लेकर 25 सितंबर के युवा सम्मेलन में 'उद्योग पुनर्जागरण आयोग' बनाया जाएगा। आयोग की सिफारिशों को लागू कराने के लिए आंदोलन से लेकर अदालत तक का रास्ता अपनाया जाएगा।
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