कथित जमीन के बदले नौकरी घाटाले में सीबीआई व ईडी की कार्रवाइयों के बाद किए जा रहे दावों को लेकर तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि ईडी छापों के बाद जिस तरह से करोड़ों रुपये मिलने के दावे किए जा रहे हैं, उससे अमित शाह जैसे डाइरेक्टर या जो भी स्क्रिप्ट राइटर हो, उनको अब बदल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सब कार्रवाइयों में एक तरह के ही डायलॉग होते हैं, लेकिन कुछ ठोस सामने आता नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बार भी जो 600 करोड़ रुपये मिलने के दावे किए जा रहे हैं, ठेंगा मिला है उन्हें।
प्रवर्तन निदेशालय के इस दावे का ज़िक्र करते हुए कि उन्होंने हाल के छापे में 600 करोड़ रुपये से अधिक के अपराधों की कार्यवाही का पता लगाया है, तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्हें हमारे यहाँ कुछ भी नहीं मिला है। उन्होंने ईडी को उस सूची को सार्वजनिक करने की मांग की जो उनके घर से मिले सामानों की सूची बनाई गई है।
इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि वे पहले 8,000 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट की जानकारी दें, जिसका दावा उन्होंने 2017 के छापे में किया था। तेजस्वी ने कहा कि 'उन्होंने इसे 2017 में इसी तरीक़े से किया था। 8,000 करोड़ रुपये का क्या हुआ? यह कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने मेरे घर से खजाना बरामद किया, उन्हें कुछ नहीं मिला। मैं उन्हें चुनौती दे रहा हूं, उन्हें मुझसे कुछ नहीं मिला। उन्हें जब्ती की सूची को जारी करना चाहिए, नहीं तो मैं इसे जारी करूँगा।'
कथित ज़मीन के बदले नौकरी घोटाले में पहले सीबीआई ने पूछताछ की और फिर ईडी ने लालू यादव के परिवार से जुड़े कई लोगों के घरों पर छापे मारे।
इस मामले में कई राज्यों में अपने और अपने परिवार के सदस्यों के घरों पर छापे मारे जाने के मामले में तेजस्वी यादव ने आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर तंज कसा।
तेजस्वी ने प्रधानमंत्री की डिग्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हम वास्तविक समाजवादी हैं, न कि 'फेक एंटायर पॉलिटिकल साइंस वाले लोग'। उन्होंने अमित शाह के 'क्रोनोलॉजी को समझिए' पर तंज कसते हुए कहा कि उन घटनाओं को समझिए जिससे छापेमारी हुई।
उन्होंने कहा, 'क्रोनोलॉजी समझिए, जैसे अमित शाह कहते हैं- जब नई सरकार के लिए विश्वास मत आया था, उस दिन भी छापे मारे गए थे, उन छापों का क्या हुआ? क्या मिला? या 2017 में चलते हैं, उन्होंने कहा कि 8,000 करोड़ रुपये, बेनामी, संपत्तियां। आयकर, ईडी, सीबीआई, सभी हमारे पीछे पड़ गए। आज, यह 2023 है, लगभग छह साल, वह संपत्ति कहाँ गई?' उन्होंने कहा, 'जो भी उन्हें डाइरेक्ट कर रहा है, शायद यह अमित शाह हैं, कोई स्क्रिप्ट राइटर होगा, या डायलॉग राइटर होगा, उन्हें बदल देना चाहिए। एक ही बात बार-बार, अच्छी नहीं लगती।'
तेजस्वी यादव ने इसे 'फर्जी अभियान' बताते हुए केंद्रीय जांच एजेंसियों पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, 'वे यह नकली अभियान चला रहे हैं, जैसे मैं असली अडानी हूँ। सीबीआई और ईडी भ्रमित हैं, क्या मेरा चेहरा अडानी जैसा दिखता है? 80,000 करोड़ रुपये के घोटाले को देखते हुए, वे हर कुछ दिनों में हमारे यहां छापेमारी करते रहते हैं और कुछ नहीं पाते हैं। यह प्लांटेड न्यूज है।'
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