इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच बिहार में लोकसभा सीटों को लेकर समझौता होता दिख रहा है। सूत्रों का दावा है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के बीच आगामी लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बन गई है।
सूत्रों का दावा है कि बिहार में राजद और जदयू 16-16 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। वहीं 8 सीटों को कांग्रेस और वाम दलों के लिए छोड़ा जा सकता है। माना जा रहा है कि इन 8 में से 5 कांग्रेस को और 3 सीटें वाम दलों को दी जा सकती है।
हालांकि अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन माना जा रहा है कि इसी फार्मूले के तहत सीटों का बंटवारा होगा। हो सकता है कि इसमें 1-2 सीटें आगे -पीछे कर इस पर अंतिम सहमति बन जाए।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक तेजस्वी यादव ने गुरुवार दोपहर 1, अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। उन्होंने इस अवसर पर सीट बंटवारे के मुद्दे पर उनसे बातचीत की है।
खबरों के मुताबिक राज्य की सभी 40 लोकसभा सीटों पर दोनों नेताओं ने चर्चा की है। इस मुलाकात में लालू यादव भले उपस्थित नहीं थे लेकिन तेजस्वी उनका संदेश लेकर नीतीश कुमार के पास पहुंचे थे।
सूत्र बताते हैं कि सीट बंटवारे को लेकर अब भी कुछ सीटों पर पेंच फंसा हुआ है। ये ऐसी सीटें हैं जहां राजद और जदयू दोनों चुनाव लड़ना चाहती हैं। जहानाबाद और झंझारपुर सीट पर दोनों दलों के बीच अब तकरार चल रही है। ये दोनों सीटें अभी जदयू के पास है और राजद इसे मांग रही है।
वहीं दूसरी ओर बिहार के राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार 17 सीटों को लेकर अड़े हैं। जदयू 2019 में जब भाजपा के साथ गठबंधन में थी तब भी इतनी ही सीटों पर चुनाव लड़ी थी। इसमें से 16 सीटों पर वह जीती थी।
अगर जदयू 17 सीटों पर लड़ती है तब राजद भी 17 सीटों पर लड़ने का दावा ठोक सकती है। ऐसी स्थिति में हो सकता है कि वाम दलों को सिर्फ एक सीट दी जा सकती है।
अपनी राय बतायें