loader

बीजेपी कार्यकर्ताओं में चले लात-घूँसे, रविशंकर प्रसाद का ज़ोरदार विरोध

मंगलवार को पटना एयरपोर्ट पर बीजेपी के दो बड़े नेताओं के समर्थकों के बीच जमकर लात-घूँसे चले। पटना पहुँचे केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का बीजेपी के ही कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध किया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। चुनाव के मौक़े पर हुए इस वाक़ये से बीजेपी को इससे ख़ासी फ़जीहत का सामना करना पड़ सकता है।

वीडियो में दिख रहा है कि बीजेपी के राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा के समर्थक रविशंकर प्रसाद वापस जाओ के नारे लगा रहे हैं। बताया जाता है कि थोड़ी देर में मामला बहुत बढ़ गया और दोनों के समर्थकों के बीच काफ़ी देर तक झड़प होती रही। 

पटना साहिब से बीजेपी के उम्मीदवार रविशंकर प्रसाद का स्वागत करने के लिए उनके समर्थक पटना एयरपोर्ट पर पहुँचे थे लेकिन आरके सिन्हा के समर्थकों ने उन्हें काले झंडे दिखाने शुरू कर दिए। थोड़ी ही देर बाद दोनों के समर्थकों के बीच झड़प शुरू हो गई और आरके सिन्हा और रविशंकर प्रसाद के समर्थकों के बीच जमकर लात-घूँसे चलने लगे। 

ताज़ा ख़बरें
पटना में यह चर्चा जोरों पर है कि पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा का टिकट कटने के बाद सांसद आरके सिन्हा यहाँ से अपने बेटे ऋतुराज को टिकट दिलवाना चाहते थे। लेकिन रविशंकर प्रसाद को टिकट मिलने से आरके सिन्हा के समर्थक ख़ासे नाराज़ हैं। 
बिहार से और ख़बरें

बीजेपी की ओर से बिहार में अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करने के बाद से ही बवाल मचा हुआ है। नवादा से टिकट न मिलने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह नाराज़ हैं और मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक़ उन्होंने बेगूसराय से चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। भागलपुर से वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन का भी टिकट कट गया है। पिछली बार बीजेपी को बिहार में 22 सीटें मिली थीं लेकिन इस बार समझौते के मुताबिक़, उसने 17 सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे हैं। इससे भी कई जगह पर पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष देखा जा रहा है। 

सम्बंधित ख़बरें

सीटों के बँटवारे के बाद एक बड़ी अजीब बात देखने को मिली है। देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी ने इस बार बिहार के आधे से अधिक इलाक़े से दावेदारी छोड़ दी है। इनमें कोसी, मगध और अंग का बड़ा हिस्सा शामिल है। बीजेपी ने ख़ुद को भोजपुर, पुराने तिरहुत जिले और चम्पारण तक सीमित कर लिया है। उसके बाद से ही यह सवाल पूछा जा रहा है कि आख़िर बीजेपी को ख़ुद को एक इलाक़े में क्यों सीमित करना पड़ा। 

बिहार में हुए समझौते के मुताबिक़, बीजेपी और जेडीयू ने 17-17 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं और रामविलास पासवान की एलजेपी को 6 सीटें मिली हैं। पिछली बार बीजेपी और जेडीयू ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

बिहार से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें