बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले नई सियासी खिचड़ी पक रही है। चुनावी रणनीतिकार और बिहार की राजनीति में उतरने के संकेत दे चुके प्रशांत किशोर इस खिचड़ी को पका रहे हैं। ख़बरों के मुताबिक़, प्रशांत किशोर ने गुरुवार को बिहार के विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठक कर चुनाव से पहले कोई नया गठबंधन खड़ा करने की दिशा में क़दम बढ़ाये हैं। प्रशांत ने बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी और विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी से दिल्ली में मुलाक़ात की है।
बैठक में बिहार के प्रमुख विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का कोई भी नेता शामिल नहीं था। बताया जा रहा है कि प्रशांत ने ऐसा आरजेडी पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत किया है क्योंकि आरजेडी प्रशांत से चुनावी रणनीति बनाने में मदद लेने के ख़िलाफ़ है।
आरएलएसपी और हम (सेक्युलर) के शीर्ष नेताओं ने अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया कि भले ही प्रशांत किशोर सीधे तौर पर उनके साथ शामिल न हों लेकिन इतना तय है कि उनकी मदद ज़रूर ली जाएगी क्योंकि वह जेडीयू के बारे में बहुत कुछ जानते हैं। आरएलएसपी के नेता ने अख़बार से कहा, ‘हमारे नेता उपेंद्र कुशवाहा ने किशोर का स्वागत किया है। हम एक मजबूत गठजोड़ चाहते हैं और इस बात की अपेक्षा करते हैं कि कांग्रेस इस गठजोड़ का नेतृत्व करे।’
‘ग़ैर-एनडीए दलों का गठबंधन बने’
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, आरएलएसपी के नेता ने कहा, ‘शुरुआती विचार यह है कि ग़ैर-एनडीए दलों का गठबंधन खड़ा किया जाए। अगर आरजेडी अपने अड़ियल रुख पर कायम रहती है और प्रशांत से सहायता लेने का विरोध करती है और इस बात पर भी अड़ी रहती है कि तेजस्वी यादव महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे तो नये राजनीतिक समीकरण बन सकते हैं।’
अख़बार के मुताबिक़, हम (सेक्युलर) के एक विश्वस्त सूत्र ने कहा कि जीतन राम मांझी की यह प्रशांत किशोर के साथ दूसरी बैठक थी। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति या विचार जो एनडीए को हरा सकता है, उसका स्वागत है।
बिहार के राजनीतिक गलियारों में इस बात की जोरदार चर्चा है कि आरएलएसपी, वीआईपी और हम (सेक्युलर) शरद यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन आरजेडी इसके विरोध में है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव खुलकर कह चुके हैं कि महागठबंधन की ओर से वह ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।
राजनीतिक विकल्प बनने की तैयारी
प्रशांत किशोर ने पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा था कि वह ‘बात बिहार की’ अभियान लांच करेंगे और इसके जरिये अगले 100 दिनों में एक करोड़ युवाओं तक पहुंचेंगे। प्रशांत किशोर की टीम की ओर से दावा किया गया है कि अभियान को लांच करने के 9 घंटे के भीतर ही 65000-70,000 युवा इससे जुड़ चुके हैं। प्रशांत ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला था और उनसे स्पष्ट कहा था कि गाँधी और गोडसे साथ नहीं चल सकते। किशोर की बिहार के विपक्षी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक इस बात का साफ संकेत देती है कि वह बिहार में राजनीतिक विकल्प बनने की तैयारी कर रहे हैं।
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