कोरोना काल में ‘आम आदमी का मददगार’ की छवि बनाने में कामयाब रहे पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव की गिरफ़्तारी नीतीश सरकार को भारी पड़ रही है। नीतीश के सहयोगी और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से लेकर राष्ट्रीय जनता दल तक पप्पू यादव के समर्थन में उतर आए हैं।
इसके अलावा ट्विटर और फ़ेसबुक पर भी पप्पू यादव को खासा समर्थन मिल रहा है। पप्पू यादव कोरोना काल में ही नहीं पटना में जब बाढ़ आई थी, तब भी आम लोगों की मदद के लिए सबसे आगे आए थे।
जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने मंगलवार सुबह पटना में हुई गिरफ़्तारी के बाद कहा कि ये तो सरकार को बताना चाहिए कि यह क़दम क्यों उठाया गया। यादव को पटना के गांधी मैदान थाने में रखा गया है। पुलिस ने कहा है कि लॉकडाउन के नियमों को तोड़ने के आरोप में पप्पू यादव को गिरफ़्तार किया गया है। पप्पू यादव ने ट्वीट कर नीतीश कुमार पर हमला बोला है।
5 घंटे से गांधी मैदान थाने में बैठा रखा है।
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) May 11, 2021
इतनी देर में कितने लोगों के लिए ऑक्सीजन हॉस्पिटल बेड, रेमडीसीवीर आदि का प्रबंध कर पाता!
कितनी जिंदगी बचाने का प्रयास कर पाता!@NitishKumar जी जो करना है जल्दी करें!
आप भाजपा के दबाव में क्रूरता की हद न पार करें!
इतिहास माफ नहीं करेगा!
कोई जनप्रतिनिधि अगर दिन-रात जनता की सेवा करे और उसके एवज़ में उसे गिरफ़्तार किया जाए ऐसी घटना मानवता के लिए ख़तरनाक है।
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) May 11, 2021
ऐसे मामलों की पहले न्यायिक जाँच हो तब ही कोई कारवाई होनी चाहिए नहीं तो जन आक्रोश होना लाज़मी है।
रूडी के घर खड़ी एंबुलेंस दिखाई
राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव ने कोरोना काल में पटना, आरा, छपरा सहित कई जगहों के अस्पतालों में जाकर सोशल मीडिया पर दिखाया कि मरीज किस परेशानी से गुजर रहे हैं। इससे शायद नीतीश सरकार परेशान है और सबसे बड़ा धमाका पप्पू यादव ने तब किया जब उन्होंने बीजेपी के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी के घर के पीछे बेकार खड़ी कई दर्जनों एंबुलेंस को मीडिया को दिखाया।
सोशल मीडिया पर इस ख़बर को लेकर जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई और बिहार और केंद्रीय स्तर पर बीजेपी से जवाब देते नहीं बना। पप्पू यादव ने इस मामले को और जोर-शोर से उठाने की बात कही थी। लेकिन उससे पहले ही उन्हें गिरफ़्तार कर लिए जाने से यह पता चलता है कि नीतीश सरकार और उसकी सहयोगी बीजेपी को पप्पू यादव की ओर से इस मामले को उठाया जाना रास नहीं आया है।
पप्पू यादव की गिरफ़्तारी की ख़बर मिलते ही उनके समर्थक पटना में जुटने लगे हैं और बिहार के अन्य जिलों में भी लोग सोशल मीडिया पर नीतीश सरकार की इस क़दम के लिए आलोचना कर रहे हैं।
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