पटना साहिब सीट कांग्रेस के कोटे में है और शत्रुघ्न सिन्हा यहाँ से उसके टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन कीर्ति आज़ाद कहाँ से लड़ेंगे, इस पर संशय बना हुआ है।
मंगलवार को पटना में बीजेपी के दो बड़े नेताओं के समर्थकों के बीच जमकर नारेबाज़ी हुई है। पटना पहुँचे केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया।
उत्तर प्रदेश और बिहार में जातीय राजनीति का ढाँचा बदल रहा है। जातीय समूहों की राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा बढ़ी है। जातीय समूहों की इस बेचैनी का असर क्या आने वाले चुनाव परिणाम पर भी पड़ेगा?
यह माना जा रहा था कि राष्ट्रीय जनता दल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के लिए बेगूसराय की सीट सीपीआई के दे देगा, पर ऐसा नहीं हुआ।
बिहार महागठबंधन में आरजेडी को 20 और कांग्रेस को 9 सीटें मिली हैं। शरद यादव की पार्टी का राष्ट्रीय जनता दल में विलय होगा। कई जगहों पर तिकोना मुक़बाल तय है।
भले ही गठबंधन की वजह से बीजेपी को 17 सीटों पर ही चुनाव लड़ना है, मगर पार्टी के कार्यकर्ता मानते हैं कि उसे अलग-अलग इलाक़ों में अपना प्रतिनिधित्व बनाकर रखना चाहिए था।