राष्ट्रीय जनता दल की अपील पर शनिवार को हुए बिहार बंद के दौरान ज़बरदस्त हिंसा हुई है। कम से कम 11 लोग घायल हुए हैं, जिन्हें पटना के अस्पतालों में दाखिल कराया गया है।
बिहार में उपचुनाव के परिणाम से बीजेपी नेताओं को यह कहने का मौक़ा मिला है कि मोदी के नेतृत्व को जनता ने स्वीकार किया है, लेकिन नीतीश के नेतृत्व को खारिज कर दिया है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव की तरह ही बिहार विधानसभा के उपचुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को झटका लगा है। राज्य में पाँच विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में से चार सीटों पर विपक्षी दलों ने जीत दर्ज की है।
तमाम मतभेदों के बाद भी बीजेपी नीतीश कुमार को क्यों झेल रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह क्यों उनको अगले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री मानने के लिए तैयार हैं।
बिहार में बीजेपी नेताओं का एक गुट लगातार नीतीश विरोधी बयानबाजी कर रहा था। इन नेताओं की कोशिश राज्य का मुख्यमंत्री बनने की थी। लेकिन अमित शाह के बयान ने इनके सियासी अरमानों पर पानी फेर दिया है।
बिहार में विधानसभा की पांच और लोकसभा की एक सीट पर उपचुनाव होना है। लेकिन टिकट बंटवारे को लेकर महागठबंधन में शामिल दल दोफाड़ हो चुके हैं। ऐसे में वे कैसे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी-जेडीयू को टक्कर दे पायेंगे।
क्या बिहार में बाढ़ के हालात ने आपको झकझोरा? पटना के अस्पतालों में पानी। तैरती मछलियाँ। पानी में डूबे बेड और ज़िंदगी से जूझते मरीज़। जन-जीवन अस्तव्यस्त है। क्या ये सामान्य हालात हैं?
पिछले काफ़ी समय से बिहार में बीजेपी-जेडीयू के नेताओं के बीच बयानबाज़ियाँ हो रही हैं। कुल मिलाकर चेहरा कौन होगा, इसे लेकर राज्य की सियासत में घमासान जारी है।