बीजेपी के बड़े नेता चाहे वो जेपी नड्डा हों या फिर अमित शाह, भूपेंद्र यादव हों या फिर देवेंद्र फडणवीस- यह नहीं बता पाए हैं कि एलजेपी से एनडीए का नाता खत्म हो चुका है या नहीं।
क्या कोरोना की फ्री वैक्सीन का वादा किसी चुनाव घोषणा पत्र का हिस्सा हो सकता है? क्या होना चाहिए? यह सवाल देश में हर औसत बुद्धि का व्यक्ति भी बीजेपी से पूछ रहा है।
बीजेपी की नौकरियों के सपने में एक पेच है। पार्टी के मुताबिक़, सिर्फ चार लाख नौकरियां सरकारी होंगी और बाकी पंद्रह लाख आईटी हब और कृषि हब बनने के बाद मिलेंगी।
पटना से मुज़फ्फरपुर होते हुए मधुबनी और वहां से मोतिहारी के सफर के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग बुरे हाल में मिले। ट्रकों पर लदे दिल्ली की तरफ जाते मजदूर मिले।
लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वे के मुताबिक़, बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बन सकती है। एनडीए को 133-143 सीट मिलने की बात कही गई है जबकि महागठबंधन को 88-98।
बिहार विधानसभा चुनाव में क़रीब 30 फ़ीसदी उम्मीदवार दाग़ी हैं यानी ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं। कई तो ऐसे हैं जो ऐसे मामला का सामना कर रहे हैं और उन्होंने अपनी पत्नियों को चुनाव मैदान में उतार दिया है।
क्या चिराग पासवान को तेजस्वी यादव की सहानुभूति की जरूरत थी? क्या इस समर्थन से चिराग पासवान की राजनीति आसान हो जाएगी? या फिर, चिराग की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं?
केंद्रीय मंत्री और बिहार से बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने विधानसभा चुनाव के दौरान पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना का मुद्दा उठा कर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।