बिहार में मुसलिम लड़कियों की शिक्षा में कम भागीदारी क्यों है? जो सरकारी स्कूलों में जाती भी हैं उनमें से कई ऐसी हैं जो पाँचवीं कक्षा में होने के बावजूद सही से नाम तक नहीं लिख पाती हैं? ऐसा क्यों है और सरकारी मदद क्यों नहीं मिली?
बिहार के चुनाव में 10 लाख नौकरियों का नाम क्या आया, राजनीति का रंग बदल गया। पहले तो जमकर हीला हवाली हुई, मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री दोनों ने दलील दी कि राज्य सरकार के पास इतने लोगों को वेतन देने का भी पैसा नहीं है।
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 94 सीटों पर होने वाले मतदान के लिए चुनाव प्रचार रविवार शाम ख़त्म हो गया। राज्य के 17 ज़िलों में स्थित इन सीटों पर मतदान 3 दिसंबर यानी मंगलवार को होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल, लालू प्रसाद यादव या तेजस्वी यादव का नाम लिए बग़ैर एक बार फिर उनके परिवार पर हमला बोला है और ज़ोर देकर कहा है कि ये सिर्फ़ अपने परिवार के बारे में ही सोचते हैं, उन्हें बिहार की जनता से कोई मतलब नहीं है।
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में सबसे अधिक 94 सीटों पर तीन नवंबर को मतदान होना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जदयू के लिए सबसे महत्वपूर्ण चरण माना जा रहा है क्योंकि इसमें उसकी सबसे अधिक जीती हुई सीटें हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री को शायद समझ में नहीं आया कि लम्बे समय तक शासन में रहने के अपरिहार्य दोष के रूप में पैदा हुए सामंती अहंकार का विस्तार लोकप्रियता के उल्टे अनुपात में होता है।
विदेशों में नौकरी करने वाले लोगों के कारण आस-पास के इलाक़ों में तरक्क़ीयाफ्ता और खुशहाल समझे जाने वाले बिहार के कई गाँव आजकल भीषण बेरोज़गारी की गिरफ़्त में हैं।
जिन लोगों ने भी नीतीश-मोदी और जेडीयू-बीजेपी की सियासत को देखा-समझा है, वे नीतीश के वोट मांगने के इस अंदाज को देखकर चकित हैं, मगर यही चौंकाने वाला फैक्टर बिहार की सियासत के बदले हुए मिजाज का सबूत भी है।
बिहार चुनाव में अचानक से आरक्षण का मुद्दा आ गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे उछाला है। नीतीश कुमार ने जातियों की आबादी के हिसाब से आरक्षण की बात कही है। नीतीश अपने लिए वोटबैंक का जुगाड़ कर रहे हैं या बीजेपी को नुक़सान पहुँचा रहे हैं?
दुर्गा विसर्जन के दौरान बिहार के मुंगेर में हुई पुलिस फायरिंग के बाद एसपी और डीएम का तबादला किए जाने के बावजूद लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है। गुरुवार को उत्तेजित भीड़ ने प्रदर्शन किया और पुलिस की दो गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब बिहार चुनाव में धारा 370, राम मंदिर का जिक्र किया तो तभी साफ हो गया था कि बिहार में बीजेपी के पास लोगों से वोट मांगने के लिए ऐसे ही मुद्दे बचे हैं।
नीतीश को बिहार की राजनीति का चाणक्य कहा जाता है। ऐसा चाणक्य जो बिहार में पिछले पंद्रह सालों से शासन के शीर्ष पर रहा। उनके राजनीतिक चातुर्य का करिश्मा ये है कि बीजेपी और आरजेडी दोनों, उनके नीचे रह कर सरकार में शामिल रहे।
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में कुल 71 सीटों के लिए आज 53.54 प्रतिशत वोट पड़े। मतदान आमतौर पर शांतिपूर्ण रहा और कहीं से किसी बड़ी हिंसा की ख़बर नहीं आई।