एनडीए व महागठबंधन के बीच काँटे की टक्कर है, स्थिति पेचीदिगियों से भरी हुई है। इस बीच यह भी ख़बर मिल रही है कि 123 ऐसी सीटें हैं, जहां एनडीए-महागठबंधन के बीच 3,000 से भी कम वोटों का अंतर है।
तीन चरणों में हुए बिहार विधानसभा चुनावों के वोटों की गिनती जारी है। कुल 243 सीटों पर चुनाव हुए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दल युनाइटेड की अगुआई में एनडीए एक तरफ है तो तेजस्वी यादव वाले राष्ट्रीय जनता दल की अगुआई में महागठबंधन मैदान में है।
तमाम एग़्जिट पोल यही बता रहे हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी की अगुआई वाला एनडीए चारों खाने चित्त होने जा रहा है। यह सवाल पूछा जाएगा कि आख़िर क्या हो गया कि देश के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू बिहार में नहीं चला?
आज तक- एक्सिस माइ इंडिया के एग़्जिट पोल से यह तसवीर उभर कर सामने आई है कि जिस बिहार में सबसे ज़्यादा संख्या युवाओं की है, वहां युवा मतदाताओं ने राष्ट्रीय जनता दल और उसके नेता तेजस्वी यादव को सबसे ज़्यादा पसंद भी किया है।
बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान हुए जबरदस्त घमासान के बाद अब नतीजों का इंतजार है। लेकिन एग्जिट पोल इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि राज्य में महागठबंधन के नेतृत्व में सरकार बन सकती है।
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान ख़त्म हो चुका है और इन वोटों की गिनती 10 नवंबर को होगी। लेकिन कई टेलीविज़न चैनलों ने अलग-अलग एजेन्सियों के साथ मिल कर एग़्जिट पोल किए हैं। इनके नतीजे दिलचस्प हैं।
बिहार विधानसभा के तीसरे और आख़िरी चरण में 78 सीटों के लिए वोटिंग हो रही है। इस चरण में 2.34 करोड़ मतदाता 1204 मतदाताओं की किस्मत का फ़ैसला करेंगे। ग्राफिक्स से जानिए, किसका पलड़ा है भारी।
बिहार के चुनाव में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन में जगह-जगह पर वैचारिक टकराव के साथ तालमेल में कमी नजर आ रही है। वहीं आरजेडी-कांग्रेस-वामदलों का गठजोड़ पूरे दमखम के साथ मैदान में है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के तीसरे चरण में विकास और जातीय समीकरण सीमांचल की वोट चर्चा के अहम हिस्सा नज़र आते हैं लेकिन बदलाव की चाहत इन पर भारी दिखती है।
जिस किशनगंज में एक दिन पहले नीतीश कुमार कह रहे थे कि ‘कोई किसी को नहीं भगा सकता’, उसी किशनगंज में अगले दिन चुनाव प्रचार के अंतिम दिन नीतीश कह गये- ‘यह मेरा अंतिम चुनाव है। अंत भला तो सब भला।’