बिहार में जाति जनगणना के मुद्दे पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की एक राय क्या बनती दिखी, कयास लगाए जाने लगे कि क्या अब बीजेपी और जेडीयू गठबंधन टूटने वाला है? आख़िर बार-बार गठबंधन पर ऐसे सवाल क्यों उठते हैं?
बिहार में पिछले 24 घंटों के दौरान एसिड अटैक की दो घटनाएं हुईं। पिछले दो महीनों में एसिड अटैक की चार घटनाएं हो चुकी हैं। सभी मामलों में महिलाएं ही टारगेट पर हैं।
इफ़्तार पार्टी के बाद से बिहार के नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के नज़दीक आने की ख़बरें लगातार आ ही रही हैं। अब जाति जनगणना पर नीतीश के बयान से क्या बीजेपी की उलझन की स्थिति पैदा हो गई है?
बिहार में शुक्रवार को काफी राजनीतिक गहमागहमी रही। लालू यादव से जुड़े ठिकानों पर छापे मारे गए तो नीतीश कुमार ने जेडीयू के मंत्रियों-विधायकों की बैठक बुला ली। तो सवाल है कि क्या नीतीश कुछ बड़ा फ़ैसला लेने वाले हैं?
जाति जनगणना मुद्दे पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने अब बीजेपी को किनारे लगा दिया है। बिहार के लोगों को स्पष्ट हो गया कि बीजेपी जाति जनगणना के खिलाफ है। नीतीश इस मुद्दे पर सभी दलों की बैठक बुलाने जा रहे हैं।
जब से प्रशांत किशोर ने बिहार से नयी शुरुआत करने को लेकर ट्वीट किया है तब से बिहार की राजनीति में गहमागहमी क्यों है? क्या प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार में बात बनने की कोई गुंजाइश नहीं है?
बीजेपी की मदद से सरकार चलाने के वावजूद नीतीश इफ़्तार पार्टी कर सकते हैं और लालू परिवार को उसमें आमंत्रित कर सकते हैं। इसका क्या मतलब है और बीजेपी के लिए क्या संदेश है?