जेडीयू और बीजेपी के बीच रिश्ते बिगड़ने की चर्चा पटना से लेकर दिल्ली तक के मीडिया और सियासी गलियारों में पिछले 3 महीने से थी और अंत में यह सच साबित हुई और राज्य में नई सरकार बन गयी है।
बिहार में बीजेपी का मुख्यमंत्री कब बनेगा, यह सवाल बीजेपी के नेताओं के बीच चर्चा का मुद्दा था। क्या नीतीश इससे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दख़ल से खतरा महसूस कर रहे थे?
क्या बिहार की राजनीति में 'शुभ', 'अशुभ' का चक्कर है? क्या अशुभ माने जाने वाले खरमास माह की वजह से नीतीश कुमार दो दिन के अंदर कुछ आमूल-चूल बदलाव करने वाले हैं?
बिहार की राजनीति में यह साफ है कि नीतीश कुमार जिस ओर जाएंगे सरकार उसी की बनेगी। तो क्या नीतीश कुमार महागठबंधन की ओर जा रहे हैं और अब जेडीयू के एनडीए छोड़ने का औपचारिक एलान होना बाकी है।
खेती और किसानी पर नीति आयोग की बैठक में खूब बातें हुईं। उनकी आमदनी बढ़ने तक की बातें हुईं। बीजेपी शासित राज्यों ने किसानों की जिन्दगी बदलने के लिए सरकार की पीठ ठोंकी, पीएम मोदी को बधाई दी। लेकिन खेती और किसानी की हकीकत क्या है, क्या सचमुच आमदनी बढ़ी है, पढ़िए यह रिपोर्ट।
क्या बिहार में नीतीश कुमार के जेडीयू और बीजेपी गठबंधन के बीच अब फिर से तनातनी नई ऊँचाई पर पहुँच गई है? जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने साज़िश रचने का आरोप क्यों लगाया?
बिहार के सीएम नीतीश कुमार सोमवार को उस बैठक में शामिल नहीं होंगे, जिसकी अध्यक्षता पीएम मोदी करेंगे। इस बैठक में सिर्फ सीएम पोस्ट वाला ही आ सकता है। लेकिन नीतीश उस दिन बिहार में अपना जनता दरबार लगाएंगे। जानिए पूरी बात।
बिहार में बीजेपी और जेडीयू की खटास बढ़ती जा रही है। हद तो यह है कि गठबंधन के दोनों दल अब अपनी-अपनी सीटों पर तैयारी के दावे तक करने लगे हैं। अभी गृह मंत्री अमित शाह पटना आए तो उनसे जेडीयू के किसी महत्वपूर्ण नेता ने मुलाकात तक नहीं की, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोरोना की वजह से किसी से नहीं मिल रहे हैं।