बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव महागठबंधन का नेतृत्व करेंगे। बिहार में सरकार चला रहे महागठबंधन की मंगलवार को हुई विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार ने यह बयान दिया। इस बैठक में तेजस्वी यादव के साथ ही महागठबंधन में शामिल कांग्रेस व अन्य दलों के नेता भी मौजूद रहे।
नीतीश कुमार ने कहा कि वह प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं और उनका एकमात्र लक्ष्य बीजेपी को हराना है। उन्होंने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
नीतीश कुमार ने यह बयान देकर एक तरह से तेजस्वी यादव के महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का अगला दावेदार होने का रास्ता पूरी तरह साफ कर दिया है।
नीतीश ने सोमवार को नालंदा में आयोजित एक कार्यक्रम में भी तेजस्वी यादव को लेकर ऐसा ही बयान दिया था। नीतीश ने कहा कि हमने तो जितना करना था कर लिया है, अब तेजस्वी यादव पूरे कार्यक्रम को करते रहेंगे और आगे भी करवाते रहेंगे और कोई दिक्कत नहीं आएगी।
उन्होंने कहा था कि कुछ लोग आपस में कोई झंझट करवाना चाहें तो उनकी बातों में मत आइएगा और आपस में एकजुटता बनाए रखिए।
नीतीश के बयान पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि हम सभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम कर रहे हैं और हमारे सामने 2024 का लोकसभा चुनाव एक बड़ी चुनौती है।
बताना होगा कि नीतीश कुमार ने इस साल अगस्त में एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन का हाथ पकड़ लिया था। नीतीश कुमार 2024 के आम चुनाव से पहले विपक्षी दलों का एक मजबूत फ्रंट बनाना चाहते हैं।
विपक्षी एकता की जोरदार पैरवी
नीतीश ने रविवार को जनता दल यूनाइटेड के कार्यक्रम में कहा था कि अगर अधिकतर पार्टियां एकजुट हो जाएंगी तो 2024 में हमें भारी बहुमत से जीत मिलेगी। नीतीश ने कहा था कि उन्होंने लगभग सभी पार्टियों से बात कर ली है और अगर अधिक से अधिक पार्टियां एकजुट हो जाएंगी तो थर्ड फ्रंट नहीं मेन फ्रंट बनेगा और वह इस बात की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि अगर उनकी बात मानी गई तो बीजेपी अगले आम चुनाव में हार जाएगी।
महागठबंधन के साथ आने के बाद उन्होंने दिल्ली आकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। इससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव पटना आकर नीतीश कुमार से मिले थे।
2024 का चुनाव दूर नहीं
2024 के लोकसभा चुनाव में सवा साल का ही वक्त बचा है क्योंकि फरवरी 2024 में अगले आम चुनाव का ऐलान हो जाएगा। इसलिए आम चुनाव में वक्त ज्यादा नहीं है और उससे पहले साल 2023 का बेहद अहम चुनावी साल है जिसमें 10 राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं। इन 10 राज्यों के चुनाव नतीजे 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर गहरा असर डालेंगे।
नीतीश कुमार के पाला बदलने के साथ ही जेडीयू के तमाम नेताओं ने उन्हें 2024 के चुनाव में प्रधानमंत्री पद का दावेदार बताया था। हालांकि नीतीश कुमार ने कई बार कहा था कि वह किसी पद की दौड़ में नहीं हैं और उनका मकसद सिर्फ विपक्षी दलों को एकजुट करना है।
नीतीश कुमार ने एकजुट होने, 2024 के चुनाव में बहुमत हासिल करने के साथ ही मेन फ्रंट की जो बात कही है, उससे यह पता चलता है कि नीतीश बीजेपी के खिलाफ पूरी ताकत के साथ लड़ना चाहते हैं।
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