बिहार में नई बनी नीतीश कुमार-तेजस्वी यादव की सरकार ने बुधवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है। विश्वास मत के पक्ष में 160 वोट पड़े जबकि इसके विरोध में कोई वोट नहीं पड़ा।सरकार को बहुमत के लिए 122 विधायकों की जरूरत थी। इसी दिन बिहार में सीबीआई ने भी आरजेडी के कई नेताओं के घरों पर छापेमारी की है।
बताना होगा कि नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ मिलकर बिहार में नई सरकार बनाई है। इससे पहले विधानसभा की कार्यवाही के दौरान स्पीकर विजय सिन्हा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा कि उन्होंने साल 2017 में पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की मांग की थी लेकिन उनकी बात पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। नीतीश कुमार के लगातार हमलों के बाद विश्वास मत पर वोटिंग से पहले बीजेपी के विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
विधानसभा में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी के लोग जब जंगलराज की बात करते हैं तो ये बिहार की आत्मा को गाली देते हैं। उन्होंने पूछा कि लोगों को रोजगार देना, सड़क बनाना, विकास करना, सभी लोगों की सुरक्षा करना क्या यह जंगलराज है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को सरकार के साथ आकर स्वस्थ राजनीति करनी चाहिए।
महागठबंधन सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार भी हो चुका है। इस सरकार में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के अलावा, आरजेडी, कांग्रेस, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेकुलर) और वाम दल शामिल हैं।
स्पीकर ने दिया इस्तीफ़ा
नीतीश सरकार के सामने मुश्किल यह आई थी कि स्पीकर विजय सिन्हा ने अपने पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था। सिन्हा के खिलाफ सत्ताधारी गठबंधन के 55 विधायकों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था।
आमतौर पर ऐसा देखा गया है कि सरकार बदलने के बाद पिछली विधानसभा के स्पीकर को इस्तीफ़ा देना होता है। लेकिन विजय सिन्हा ने कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव लाने में नियमों का ध्यान नहीं रखा गया है।
स्पीकर ने कहा था कि उनके खिलाफ लगाए गए पक्षपात के आरोप पूरी तरह झूठे हैं और ताजा हालात में इस्तीफा देने से उनके आत्मसम्मान को चोट लगेगी। हालांकि विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
आरजेडी के नेताओं ने कहा था कि विजय सिन्हा को खुद ही अपने पद से हट जाना चाहिए और नियमों के मुताबिक वह विधानसभा की कार्यवाही नहीं चला सकते हैं क्योंकि उन्हें हटाए जाने को लेकर सदन में प्रस्ताव रखा जा चुका है।
किसके पास कितने विधायक
243 सदस्यों वाली बिहार की विधानसभा में अभी 242 विधायक हैं। अनंत सिंह की विधानसभा सदस्यता ख़त्म की जा चुकी है। आरजेडी के पास 79, बीजेपी के पास 77, जेडीयू के पास 45, कांग्रेस के पास 19, सीपीआई (एमएल) के पास 12, एआईएमआईएम के पास 1, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के पास 4, सीपीएम के पास 2, सीपीआई के पास 2 और एक निर्दलीय विधायक हैं।
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