मोदी सरकार में जेडीयू का प्रतिनिधित्व करने वाले आरसीपी सिंह और पार्टी के मुखिया नीतीश कुमार के बीच नाराजगी की खबरें क्या सही हैं। क्योंकि आरसीपी सिंह के टि्वटर बायो में जेडीयू का कोई जिक्र ही नहीं है।
कई दिनों से इस बात की चर्चा बिहार की सियासत में है कि जेडीयू इस बार आरसीपी सिंह को राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार नहीं बनाएगी।
लेकिन क्योंकि आरसीपी सिंह केंद्रीय मंत्री हैं ऐसे में उन्हें केंद्रीय मंत्री बने रहने के लिए लोकसभा या राज्यसभा में से किसी एक सदन का सदस्य होना जरूरी है।
हालांकि राज्यसभा के उम्मीदवारों के चयन को लेकर अभी अंतिम फैसला जेडीयू में नहीं हुआ है। बिहार में 10 जून को राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान होना है।
मीडिया के गलियारों में ऐसी भी खबरें हैं कि बीते कई दिनों से आरसीपी सिंह और नीतीश कुमार के बीच में कोई बातचीत नहीं हुई है। हालांकि आरसीपी सिंह ने इस तरह की तमाम अटकलों का यह कह कर जवाब दिया है कि वह नीतीश कुमार के साथ हैं।
आरसीपी सिंह ने अपने टि्वटर बायो में लिखा है कि वह केंद्रीय इस्पात मंत्री हैं, राज्यसभा के सांसद हैं, पूर्व में आईएएस और आईआरएस रहने के साथ ही जेएनयू के छात्र रहे हैं। उनके ट्विटर पर जो पिक्चर लगी है उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिखते हैं और आजादी का अमृत महोत्सव भी लिखा हुआ है।
ऐसी चर्चा है कि जेडीयू से टिकट न मिलने पर आरसीपी सिंह बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।
नीतीश के करीबी हैं आरसीपी
आरसीपी सिंह उत्तर प्रदेश के काडर में थे। जब नीतीश कुमार अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में रेल मंत्री बने थे, सिंह उनके निजी सहयोगी बने थे। उस समय से वे लगातार उनके साथ काम करते रहे हैं। नीतीश कुमार जब 2005 में मुख्यमंत्री बने, आरसीपी सिंह प्रधान सचिव बनाए गए थे। नीतीश ने उन्हें जेडीयू का अध्यक्ष भी बनाया था।
बिहार की सियासत में चर्चा इस बात की भी है कि जेडीयू और आरजेडी एक बार फिर से साथ आ सकते हैं और ऐसा होने पर निश्चित रूप से बिहार की सियासत एक बार फिर पूरी तरह बदल जाएगी।
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