बिहार में नई सरकार बनते ही जेडीयू के अंदर बगावत देखने को मिली है। जेडीयू की विधायक बीमा भारती ने नीतीश सरकार में मंत्री बनाई गईं लेसी सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीमा भारती ने तमाम टीवी चैनलों के साथ बातचीत में कहा है कि अगर लेसी सिंह को मंत्री पद से नहीं हटाया जाता है तो वह विधायक पद से इस्तीफा दे देंगी। इससे पहले जेडीयू के 5 विधायक कैबिनेट विस्तार से गैरहाजिर रहे थे।
बताना होगा कि बिहार में 16 अगस्त को नई सरकार का कैबिनेट विस्तार हुआ है। कानून मंत्री बनाए गए कार्तिकेय सिंह को लेकर नई सरकार पहले ही विवादों में फंस गई है। कार्तिकेय सिंह के खिलाफ अपहरण के एक मामले में अदालत की ओर से गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जा चुका था और 16 अगस्त को उन्हें कोर्ट में सरेंडर करना था। लेकिन इस दिन वह मंत्री पद की शपथ ले रहे थे।
विधायक बीमा भारती ने तमाम टीवी चैनलों से बातचीत में कहा है कि लेसी सिंह के खिलाफ जो कोई भी आवाज उठाता है तो लेसी सिंह उसका मर्डर करवा देती हैं और डरा धमका कर रखती हैं। उन्होंने मांग की है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लेसी सिंह को तुरंत अपने मंत्रिमंडल से हटाएं।
बीमा भारती ने मीडिया से बातचीत में यह भी कहा है कि उन्होंने कई बार लेसी सिंह के खिलाफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी के अंदर भी शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। लेसी सिंह भी जेडीयू की नेता हैं।
रुपौली सीट से हैं विधायक
बीमा भारती पूर्णिया की रुपौली सीट से जेडीयू की विधायक हैं। वह नीतीश कुमार की कैबिनेट में मंत्री भी रह चुकी हैं। उन्होंने निर्दलीय विधायक के तौर पर चुनाव जीतकर अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था।
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बीमा भारती ने सवाल उठाया कि लेसी सिंह को तरजीह क्यों दी जा रही है। उन्होंने कहा कि वह पांच बार विधायक का चुनाव जीत चुकी हैं और अति पिछड़ा वर्ग से आती हैं। भारती ने कहा कि लेसी सिंह तमाम चुनावों में जेडीयू के खिलाफ काम करती हैं और पार्टी का विरोध करती रही हैं। बीमा भारती ने कहा कि जब उनकी बेटी ने चेयरमैन का चुनाव लड़ा तो लेसी सिंह ने विरोध करके उनकी बेटी को चुनाव हरा दिया।
उन्होंने सवाल उठाया कि जेडीयू में जब एक से एक अच्छे पढ़े-लिखे लोग हैं लेकिन इसके बावजूद भी लेसी सिंह को मंत्री क्यों बनाया गया। उन्होंने कहा कि वह कोई मंत्रालय नहीं चाहतीं लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लेसी सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल क्यों किया।
बीमा भारती ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लेसी सिंह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त नहीं करते हैं तो वह विधायक के पद से इस्तीफा दे देंगी।
जेडीयू का खराब प्रदर्शन
जेडीयू के लिए साल 2020 का विधानसभा चुनाव बेहद खराब प्रदर्शन वाला रहा था। 2015 में मिली 71 सीटों के मुकाबले उसे सिर्फ 43 सीटों पर ही जीत मिली थी। बीजेपी से गठबंधन तोड़ते वक्त जेडीयू ने यह आरोप लगाया था कि विधानसभा चुनाव में चिराग मॉडल के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ साजिश की गई और अब एक और चिराग मॉडल तैयार किया जा रहा था। जेडीयू का सीधा इशारा पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की ओर था।
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गैरहाजिर रहे थे विधायक
इससे पहले जेडीयू के 5 विधायक कैबिनेट विस्तार से गैरहाजिर रहे थे। इन विधायकों में परबट्टा विधायक डॉ. संजीव कुमार, रुन्नीसैदपुर विधायक पंकज कुमार मिश्रा, बरबीघा विधायक सुदर्शन कुमार, मटिहानी विधायक राजकुमार सिंह और केसरिया विधायक शालिनी मिश्रा शामिल हैं। यह सभी विधायक भूमिहार जाति के हैं और बताया जा रहा है कि कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने से नाराज हैं।
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