बिहार की बीजेपी-जदयू सरकार कोरोना वायरस को लेकर जो भी दावे करे, सच यह है कि वह इसकी रोकथाम करने, इसे संभालने और इसके रोगियों की देखभाल करने में बुरी तरह नाकाम रही है।
कोरोना से लड़ने में बिहार सरकार की नाकामी का ताज़ा उदाहरण राजधानी पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल यानी एनएमसीएच का है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें मेडिकल वार्ड में ही लाश रखी हुई है, और उसके बगल में ही रोगी भी हैं। इस वीडियो में एक लाश दिख रही है, जो सिर से पाँव तक चादर से ढंकी हुई है, उसके बिल्कुल बगल के बिस्तर पर एक रोगी जो दूसरी ओर मुँह किए लेटा हुआ है। इस बिस्तर के ठीक सामने की लाइन में और बिस्तर के दूसरी तरफ रोगी हैं।
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'यहाँ कोरोना रोगियों के बीच में ही लाश है, जिससे लोगों को दिक्क़त होती है। मेरी माँ यहाँ भर्ती है, जिन्हें इ्ससे बहुत परेशान हो रही है, यह लाश यहां कल शाम से पड़ी हुई है, पर इसे कोई हटा नहीं रहा है।'
शत्रुघ्न, एक रोगी का पुत्र
बिहार के मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने यह वीडियो अटैच करते हुए एक ट्वीट किया। उन्होंने बिहार सरकार के 15 साल के कामकाज पर तंज किया और सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि कोरोना मरीज़ों के बगल में इलाज के अभाव में मरे संक्रमित व्यक्ति का दो दिन से शव पड़ा हुआ है।
बिहार की 15 वर्षीय सुशासनी बदनसीबी देख माथा पकड़िए। संक्रमित कोरोना मरीज़ों के बगल में इलाज के अभाव में मरे संक्रमित व्यक्ति का दो दिन से शव पड़ा हुआ है।CM,स्वास्थ्य मंत्री और अधिकारियों को फोन किया लेकिन दो दिन से शव नहीं हटाया गया।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 20, 2020
4 महीने से गायब नीतीश जी ज़ुबान नहीं खोलेंगे। pic.twitter.com/6das2ntSNt
तेजस्वी यादव ने ट्वीट में यह भी दावा किया कि उन्होंने 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, स्वास्थ्य मंत्री और विभाग के बड़े अधिकारियों को फ़ोन किया, लेकिन दो दिन से शव नहीं हटाया गया है।'
पहले क्या कहा था अस्पताल ने?
एनडीटीवी ने एक ख़बर में कहा है कि यह कोई पहली बार नहीं है कि ऐसा वीडियो सामने आया है। इससे पहले भी इसी अस्पताल के आईसीयू से ऐसे वीडियो सामने आए थे। उस समय अस्पताल प्रबंधन का कहना था कि वह जल्दबाज़ी में सबको इसलिए नहीं हटा सकता क्योंकि उसे न केवल परिवार वालों का इंतज़ार करना होता है और साथ-साथ जिला प्रशासन से अंत्योष्टि का समय भी लेना पड़ता है।स्ट्रेचर को धक्का मारता ये मासूम जर्जर हो चुकी यूपी भाजपा सरकार की व्यवस्था को धक्का मार रहा है। भाजपा राज में यूपी की हर व्यवस्था लाचार हो चुकी है। बावजूद इसके, यूपी भाजपा सरकार का ध्यान सिर्फ नाम बदलने पर है। अगर वो अपना काम बदलकर देखती, तो शायद यूपी में इतनी बदहाली नहीं होती। pic.twitter.com/MYLQGnIjL1
— Congress (@INCIndia) July 21, 2020
कोरोना रोगियों और इससे मरने वालों के प्रति संवेदनहीनता की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जो बिहार ही नहीं, देश के दूसरे हिस्सों में भी हुई हैं। गुजरात के सिविल अस्पताल की स्थिति इतनी बुरी हो गई कि हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि यह तो कालकोठरी से भी बदतर है। गुजरात के ही एक निजी अस्पताल में एक महिला की मौत के बाद कई दिनों तक टॉयलेट में उनकी लाश सड़ती रही। इस तरह की वारदात स्वास्थ्य सेवा ही नहीं, पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है।
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