सरकार जिस सैनिटरी पैड, स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का दम भरती रहती है, सरकार के ही अफ़सर इसी सेनेटरी पैड को लेकर असंवेदनशील बयान कैसे दे सकते हैं? दरअसल, बिहार की एक स्कूली छात्रा के तारीफ़ बटोरने वाले सवाल पर महिला बाल विकास निगम की अध्यक्ष और आईएएएस अफ़सर हरजोत कौर भड़क गईं। यूनिसेफ़ के एक कार्यक्रम में छात्रा ने एक साधारण सा सवाल किया, '... हर कुछ के लिए सरकार तो देती ही है। जैसे कि पोषाक का, छात्रवृत्ति...। तो क्या सरकार सेनेटरी पैड 20-30 रुपये में नहीं दे सकती है?'
इस सवाल पर कार्यक्रम में बैठे लोगों ने तालियाँ बजाईं। उन्होंने उसके उस सवाल के लिए उसका प्रोत्साहन किया। लेकिन आईएएस अधिकारी हरजोत कौर को यह नहीं भाया। उन्होंने अजीबोगरीब बयान दे डाला। उन्होंने कहा कि हर जीच की मांग सरकार क्यों पूरा करेगी। उन्होंने कहा, 'अच्छा, ये जो तालियाँ अभी बजा रहे हैं, इस मांग का कोई अंत है? 20-30 रुपये का विस्पर क्यों नहीं दे सकते हैं, कल को जिंस पैंट क्यों नहीं दे सकते हैं, परसों सुंदर जूते क्यों नहीं दे सकते हैं...। और अंत में जब परिवार नियोजन की बात आएगी तो निरोध भी मुफ्त में ही देना पड़ेगा। सबकुछ मुफ्त में चाहिए।'
छात्रा का यह सवाल और आईएएस अधिकारी हरजोत कौर का जवाब वाला वीडियो अब सोशल मीडिया पर सामने आया है। हरजोत कौर के इस सवाल से छात्रा डिगी नहीं। उन्होंने इसके बाद एक लोकतांत्रिक देश और कल्याणकारी राज्य की ज़िम्मेदारी की याद दिलाई तो फिर से वह अधिकारी बिफर पड़ीं।
छात्रा ने कहा कि सरकार को तो देना चाहिए न? इस पर अधिकारी बोलती हैं कि "सरकार से लेने की तुमको ज़रूरत क्या है? अपने आप को इतना संपन्न करो।"
जब छात्रा ने उन्हें याद दिलाया कि लोगों के वोट से सरकार बनती है, तो अधिकारी ने कहा, 'यह मूर्खता की पराकाष्ठा है। तो वोट मत करो। पाकिस्तान बनो। क्या आप पैसे और सेवाओं के लिए वोट करते हैं?'
A simple request for good quality sanitary pads (costing Rs 20-30) was met with a snarky response from Bihar’s IAS officer Harjot Kaur.
— Marya Shakil (@maryashakil) September 28, 2022
“Tomorrow you'll say the Govt can give jeans too. And why not some beautiful shoes after that… family planning method, nirodh too.” pic.twitter.com/b98VWA3b8H
जब एक छात्रा ने कहा कि उसके स्कूल में लड़कियों का शौचालय टूटा हुआ है और लड़के अक्सर घुस जाते हैं तो अधिकारी ने जवाब दिया, 'मुझे बताओ, क्या आपके घर में अलग शौचालय हैं? अगर आप अलग-अलग जगहों पर बहुत सी चीजें मांगते रहेंगे, तो कैसे काम चलेगा?'
सोशल मीडिया पर लोगों ने अधिकारी की भाषा को बदतमीजी वाली भाषा क़रार दिया है। बता दें कि जिस कार्यक्रम में यह सब हुआ वह 'सशक्त बेटी, समृद्ध बिहार' पर एक कार्यशाला थी। परियोजना की टैगलाइन है- 'लड़कियों के मूल्य को बढ़ाने के लिए'।
हरजोत कौर राज्य के महिला एवं बाल विकास निगम की प्रमुख हैं। इसी संगठन ने यूनिसेफ और अन्य संगठनों के साथ साझेदारी में मंगलवार के समारोह का आयोजन किया। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी को फिर से एक सबक तब मिला जब एक दर्शक ने व्यंग्य से उनसे पूछा कि फिर सरकारी योजनाएँ क्यों हैं? इस पर उन्होंने कहा, 'सोच बदलने की जरूरत है।' घटना के वीडियो में बातचीत दिखाने के बावजूद अफ़सर ने आज कहा, 'यह किसी घटना की झूठी, दुर्भावनापूर्ण और गलत रिपोर्टिंग है।'
रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, 'मैं महिला अधिकारों और सशक्तिकरण की सबसे मुखर चैंपियनों में से एक के रूप में जानी जाती हूं। कुछ शरारती तत्वों ने, जिनके खिलाफ डब्ल्यूसीडीसी द्वारा गलत काम करने के लिए कड़ी कार्रवाई की गई है, प्रत्येक मंच पर मुँह की खाने के बाद अब मेरी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए ऐसे प्रयासों का सहारा लिया है।'
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