नीतीश सरकार के मंत्री इसराइल मंसूरी के मंदिर के अंदर जाने को लेकर बिहार की सियासत में हंगामा खड़ा हो गया है। मामला यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को विकास कार्यों का जायजा लेने के लिए गया जिले में आए थे और तब वह यहां स्थित प्राचीन विष्णुपद मंदिर में भी पहुंचे थे।
नीतीश ने मंदिर में पूजा-अर्चना की और तब तक सब कुछ ठीक था लेकिन जैसे ही उनके द्वारा पूजा-अर्चना किए जाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आई उसके बाद बवाल शुरू हो गया।
बवाल इसलिए हुआ कि उनके साथ बिहार सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री इसराइल मंसूरी भी मंदिर के अंदर आए थे। लेकिन जैसे ही मंसूरी के इस मंदिर में आने की तस्वीरें और वीडियो सामने आए बीजेपी और मंदिर प्रबंधन कमेटी ने तमाम सवाल खड़े कर दिए।
बीजेपी ने कहा है कि मुख्यमंत्री इस बात को जानते थे कि इस मंदिर में गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है बावजूद इसके उन्होंने ऐसा किया। हालांकि मंत्री मंसूरी ने कहा है कि उनके लिए मंदिर में जाना सौभाग्य की बात है। मंसूरी गया जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं।
उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंदिर के अंदर पूजा करने की तस्वीरें वायरल हुई तो यह जानकारी सामने आई कि उनके साथ एक मुसलिम मंत्री भी आए थे।
कमेटी के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि वह मंत्री मंसूरी को अपने मंत्रिमंडल से हटाएं।
बीजेपी नेता हरि भूषण ठाकुर ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया है। उन्होंने कहा कि मंदिर का शुद्धिकरण किया जाना चाहिए। बीजेपी नेता अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस बात की जानकारी नहीं थी कि यहां पर दूसरे धर्म के लोगों को आने की इजाजत नहीं है।
क्या है मंदिर का महत्व?
गया के विष्णुपद मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसकी स्थापना सतयुग में की गई थी। यह अकेला ऐसा मंदिर है जहां भगवान विष्णु के चरणों की पूजा होती है। यहां पर एक शिला पर विष्णु के चरणों के निशान हैं। कहा जाता है कि यह भगवान विष्णु के साक्षात चरण हैं। यह भी कहा जाता है कि यहां पर गयासुर नामक राक्षस ने तपस्या की थी और उसने देवताओं को बहुत परेशान किया था। तब देवताओं को बचाने के लिए खुद भगवान विष्णु आए थे।
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