केंद्रीय खाद्य मंत्री और एलजेपी अध्यक्ष रामविलास पासवान के एनडीए में बने रहने को लेकर छाई धुंध अब पूरी तरह छंट गई है। बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के बीच बिहार में सीटों के बंटवारे के ऐलान के साथ ही एनडीए में टूट का खतरा पूरी तरह टल गया है। अब बीजेपी अपने गठबंधन को बचाने में पूरी तरह कामयाब हो गई है। सीटों के बंटवारे के मुताबिक़, बीजेपी और जेडीयू 17-17 सीटों पर और एलजेपी 6 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा बीजेपी रामविलास पासवान को असम से राज्यसभा में भेजेगी।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आज अपने सहयोगी दलों के नेताओं बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार और केंद्रीय खाद्य मंत्री और एलजेपी अध्यक्ष रामविलास पासवान के साथ उनके सांसद बेटे और उनकी पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान की मौजूदगी में यह एलान किया। सीटों के बंटवारे के ऐलान के साथ ही के साथ ही उन्होंने दावा किया कि बिहार की लगभग सभी सीटें इस बार एनडीए जीतेगा। लोकसभा की 6 सीटों के साथ ही एक राज्य सभा सीट मिलने से खुश रामविलास पासवान ने भी अमित शाह के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि इस बार बिहार की सभी सीटें एनडीए जीतेगा।
बीजेपी रामविलास पासवान और उनकी पार्टी के ज़रिए महादलितों तक पहुँचना चाहती है। उसके पास बिहार में दलित या महादलित समुदाय का कोई बड़ा चेहरा नहीं है। उसके कई फ़ैसले ऐसे हुए हैं जिससे यह संकेत गया है कि पार्टी दलितों को लेकर गंभीर नहीं है। पासवान के बहाने पार्टी इस समुदाय को एक संकेत देना चाहती है।
यूपी का पेच
सूत्रों के मुताबिक़, पासवान बिहार से बाहर भी बीजेपी से कम से कम एक लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश या झारखंड में चाहते हैं। हालांकि बीजेपी अभी इसके लिए राज़ी नहीं है। लेकिन अगर चुनाव के वक्त पासवान इस पर दबाव बनाएंगे तो बिहार में उनके हिस्से की एक सीट कम कर दी जाएगी। इस बारे में अमित शाह ने आज कुछ भी बोलने से साफ़ इनकार कर दिया। दो दिन पहले अरुण जेटली के साथ रामविलास पासवान और चिराग पासवान की बैठक में इस बात पर सहमति बनी थी कि बिहार में एलजेपी पांच सीटे लड़ेगी और एक सीट बिहार से बाहर झारखंड या उत्तर प्रदेश में उसे दी जाएगी। रामविलास पासवान के लिए राज्यसभा की सीट बीजेपी अपने अपने कोटे से देगी।तेजस्वी का तंज़
बीजेपी और उसके सहयोगी दोनों के बीच हुए सीटों के बंटवारे पर आरजेडी अध्यक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट करके तंज़ किया है। उन्होंने लिखा है कि नोटबंदी के 2 साल बाद सरकार से सवाल पूछने का पासवान को फायदा मिला है। उन्होंने कहा है कि बिहार में एनडीए की हालत कितनी पतली है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले चुनाव में 22 सीटें जीतने वाली बीजेपी 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और 2 सीटें जीतने वाली जेडीयू 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा है कि जनता एनडीए को सबक सिखाएगी।LJP और JDU को 2 साल बाद प्रधानमंत्री मोदी से नोटबंदी पर सवाल पूछने का फ़ायदा मिला। 😊
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 23, 2018
जनादेश चोरी के बाद भी BJP बिहार में इतनी मज़बूत हुई कि 22 वर्तमान सांसद होने के बावजूद 17 सीट पर चुनाव लड़ेगी और 2 MP वाले नीतीश जी भी 17 सीट पर लड़ेंगे। अब समझ जाइये NDA के कितने पतले हालात है
बीजीपे का हाथ थामने के बाद मुसलमान रामविलास पासवान और नीतीश कुमार से राम मंदिर पर सवाल कर सकते हैं। जदयू का मुसलिम सम्मेलन बुरी तरह नाकाम हो गया, पासवान क्या जवाब देंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।
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