बिहार विधानसभा के तीसरे और आख़िरी चरण में 78 सीटों के लिए वोटिंग हो रही है। इस चरण में 2.34 करोड़ मतदाता 1204 प्रत्याशियों की किस्मत का फ़ैसला करेंगे। माना जा रहा है कि इन सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के अलावा असदुद्दीन की पार्टी एआईएमआईएम भी मुक़ाबले में है और इस कारण त्रिकोणीय मुक़ाबला होने की संभावना है। किसका पलड़ा भारी है, पिछले चुनाव में कौन आगे रहा था और कौन से चर्चित चेहरे हैं चुनाव मैदान में, ग्राफिक्स से समझिए-
किनकी किस्मत दाँव पर?
इस चरण में कई बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दाँव पर है। तीसरे चरण में चुनावी नतीजों पर 'असदुद्दीन ओवैसी' फ़ैक्टर का असर रहेगा। अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार जिलों में कुल 24 विधानसभा सीटें हैं। इन क्षेत्रों में मुसलिम मतदाताओं की आबादी काफ़ी ज़्यादा है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान पूर्णिया ज़िले के अमौर से उम्मीदवार हैं। उन पर भी चुनावी पर्यवेक्षकों की निगाहें हैं।
2015 में किसका कैसा प्रदर्शन?
इस चरण में इन पार्टियों का प्रदर्शन कैसा रह सकता है, इसकी तुलना 2015 के विधानसभा चुनावों से भी की जा सकती है। हालाँकि पिछले चुनाव में आरजेडी और जेडीयू एक साथ चुनाव लड़े थे और बीजेपी और एलजेपी एक साथ। लेकिन इस बार यह समीकरण पूरी तरह बदला हुआ है।
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