आरोप-प्रत्यारोप और छिटपुट वारदातों के बीच बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए हुए मतदान में 53.51 प्रतिशत वोट पड़े हैं। मोटे तौर पर हुए शांतिपूर्ण मतदान में एक जगह पुलिस के साथ झड़प हुई, ईवीएम तोड़ी गई, एक जगह मतदान कर रहे लोगों को कुछ लोगों ने पीटा। मंगलवार को हुए इस दूसरे चरण के मतदान में विपक्ष के तेजस्वी यादव, उनके भाई तेज प्रताप यादव और नीतीश सरकार के कई मंत्रियों की प्रतिष्ठा दाँव पर लगी हुई है।
धीमी शुरुआत
मतदान की शुरुआत बेहद धीमी हुई और पहले एक घंटे में केवल 5 प्रतिशत लोगों ने ही वोट डाले थे। हालांकि उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी अपने मतदान केंद्र पर शुरुआती मतदाताओं में से थे और उन्होंने लोगों से बड़ी तादाद में मतदान करने की अपील की, पर मतदान की रफ्तार दोपहर बाद ही तेज़ हुई।
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पटना शहर में मतदान के प्रति लोगों में उदासीनता दिख रही थी। वहाँ सुबह 9 बजे तक केवल 5.70 प्रतिशत लोगों ने ही वोट डाले थे।
तेजस्वी की अपील
राष्ट्रीय जनता दल के नेता और मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने पटना में मतदान किया। तेजस्वी ने लोगों से बड़ी तादाद में मतदान करने की अपील की।उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के इस त्योहार में ज़्यादा से ज़्यादा लोग भाग लें और कोरोना से सुरक्षित रहें। उन्होंने कहा, 'बिहार की जनता को ऐसी सरकार चुननी चाहिए जो पढ़ाई, कमाई, दवाई और सिंचाई की व्यवस्था करे।'
छिटपुट हिंसा
बिहार में छिटपुट हिंसा भी हुई। राजधानी पटना के फतुहा विधानसभा में मतदान कर लौट रहे लोगों के साथ मारपीट की गई। 'आज तक' के अनुसार, सोनारू के बूथ संख्या 214 ए पर वोट डाल कर लौट रहे एक ही परिवार के तीन लोगों के साथ मारपीट की गई, जिससे वे घायल हो गए। पीड़ितों का कहना है कि एक राजनीतिक दल के लोगों ने उनके साथ मारपीट की है। पुलिस में शिकायत की गई है।इसी तरह बेतिया के नौतन विधानसभा में मतदान के दौरान जमकर हंगामा हुआ। कोतराहा में बने एक बूथ पर मतदान की पर्ची को लेकर पुलिसकर्मियों और मतदाताओं के बीच कहा-सुनी हुई।
मतदाताओं का कहना था कि पुलिस वालों ने उन्हें बुरी तरह पीटा और वोटिंग मशीन को तोड़ दिया। नतीजन, दो घंटों तक मतदान रुका रहा। प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मतदान फिर शुरू हो सका।
मंत्रियों की प्रतिष्ठा दाँव पर
बता दें कि दूसरे चरण में 17 ज़िलों की 94 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ है। इस चरण में 1463 प्रत्याशियों के भाग्य का फ़ैसला होगा जिनमें 146 महिलाएं हैं। राजधानी पटना में सभी चार- दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब विधानसभा क्षेत्रों में आज वोट डाले गए।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड के लिए मतदान का यह चरण सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसमें जदयू की सबसे अधिक जीती हुई सीटें हैं। इस चरण में उसके 43 उम्मीदवार मैदान में थे। जदयू के कुल 115 उम्मीदवारों में 35 पहले चरण में थे और 37 आख़िरी चरण में मैदान में होंगे।
बिहार सरकार के कई मंत्रियों के निर्वाचन क्षेत्रों में भी मंगलवार को ही मतदान हुआ।
पथ निर्माण मंत्री और बीजेपी विधायक नंदकिशोर यादव पटना साहिब, जदयू विधायक और ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार नालंदा, बीजेपी विधायक और सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह मधुबन और जेडीयू नेता और राज्यमंत्री रामसेवक सिंह हथुआ से चुनावी मैदान में हैं।
लालू के लाल, करेंगे कमाल?
तेजस्वी यादव के निर्वाचन क्षेत्र राघोपुर में भी इसी चरण में मतदान हुआ। तेजस्वी विपक्षी महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी हैं। उन्होंने 2015 में बीजेपी के सतीश कुमार को हराकर यह सीट अपनी पार्टी के लिए जीती थी। सतीश ने 2010 में इस सीट पर तेजस्वी की माँ और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को हराया था। बीजेपी ने इस बार भी सतीश कुमार को ही टिकट दिया है।लालू प्रसाद यादव के दूसरे बेटे तेजप्रताप के निर्वाचन क्षेत्र हसनपुर में भी इसी चरण में मतदान हुआ। उनके ख़िलाफ़ जदयू के राजकुमार राय मैदान में हैं।
अपनी बेटी ऐश्वर्या के तेजप्रताप से तलाक़ विवाद के कारण चर्चा में आये चंद्रिका राय सारण के परसा से जदयू के उम्मीदवार हैं। उनके सामने राजद के छोटे लाल राय हैं।
पटना की बांकीपुर सीट से कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा भी इस चरण में अपना भाग्य आजमा रहे हैं। उनका प्रमुख रूप से मुक़ाबला बीजेपी के विधायक नितिन नबीन के साथ है।
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