The Central IAS Association expresses its deep dismay at the decision of the State Government of Bihar to release the convicts of the brutal killing of Late Shri G Krishnaiah, IAS, former District Magistrate of Gopalganj, by a change in classification rules of prisoners. pic.twitter.com/a84s7pYL20
— IAS Association (@IASassociation) April 25, 2023
सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन ने कहा कि कैदियों के वर्गीकरण नियमों में बदलाव करके गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी स्वर्गीय जी. कृष्णैया की नृशंस हत्या के दोषियों को रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन गहरी निराशा व्यक्त करता है।
बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने आनंद मोहन की रिहाई को लेकर कही बड़ी बात, बोले: वो बेचारे तो बलि का बकरा हैं...#GirirajSingh #AnandMohan pic.twitter.com/0UENd8ty7O
— Bihar Tak (@BiharTakChannel) April 25, 2023
1. बिहार की नीतीश सरकार द्वारा, आन्ध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) महबूबनगर के रहने वाले गरीब दलित समाज से आईएएस बने बेहद ईमानदार जी. कृष्णैया की निर्दयता से की गई हत्या मामले में आनन्द मोहन को नियम बदल कर रिहा करने की तैयारी देश भर में दलित विरोधी निगेटिव कारणों से काफी चर्चाओं में है।
— Mayawati (@Mayawati) April 23, 2023
इस मामले ने एक बड़े राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। सुशील मोदी जैसे भाजपा नेताओं ने इस कदम की निंदा की है। मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने कहा कि बिहार सरकार का यह फैसला "दलित विरोधी" है और नीतीश कुमार सरकार से निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया।
आईएएस जी. कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने एनडीटीवी से कहा है कि राज्य सरकार के फैसले से समाज में 'गलत संकेत' जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करते हुए कहा, यह एक तरह से अपराधियों को प्रोत्साहित करने वाला आदेश है। यह एक संदेश देता है कि आप अपराध कर सकते हैं और जेल जा सकते हैं, लेकिन फिर रिहा हो सकते हैं और राजनीति में शामिल हो सकते हैं। फिर तो मृत्युदंड अच्छा है।
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