छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने जनता के मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय मुफ़्त चीजें बाँटने पर ध्यान दिया। इसके अलावा पार्टी की भावनात्मक मुद्दों के सहारे जीतने की कोशिश भी फ़ेल हो गई।
विधानसभा चुनाव कांग्रेस के पक्ष में रहा। बीजेपी को काफ़ी नुक़सान हुआ। क्या रही हार की वज़ह और क्या होगा इसका आगे के चुनावों पर असर? 4 मिनट में जानिए वरिष्ठ पत्रकार शैलेश और शीतल पी. सिंह की चर्चा से।
मिज़ो नेशनल फ्रंट अब मिज़ोरम में सरकार बनाएगी, उसे पूर्ण बहुमत मिला है। कांग्रेस को सिर्फ़ 5 सीटों पर संतोष करना पड़ा है। इससे पता चलता है कि राज्य में सत्ता विरोधी लहर अधिक थी।
राजस्थान के विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे सरकार को अपनी भ्रष्ट छवि के कारण जाना पड़ा लेकिन सवाल यह है कि जनता के असल मुद्दों पर बीजेपी और कांग्रेस ने बात करने की ज़रूरत नहीं समझी।
विधानसभा चुनावों में जीत से कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ता उत्साहित हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहन प्रकाश कहते हैं कि नोटबंदी बहुत हो गई, अब वोटबंदी की बारी है। सुनिए, मोहन प्रकाश के साथ यूसुफ़ अंसारी की बातचीत।
विधानसभा चुनाव नतीजों में बीजेपी को शिकस्त मिली है। क्या कहते हैं बीजेपी के नेता शहनवाज़ हुसैन। सुनिए हुसैन के साथ वरिष्ठ पत्रकार यूसुफ़ अंसारी की ख़ास बातचीत।
पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश ही ऐसा राज्य है जहाँ हार-जीत को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। राज्य में 21 सीटें ऐसी हैं जहाँ हार-जीत महज कुछ वोटों से हो सकती है।
पाँच राज्यों के चुनावी नतीजे कांग्रेस के पक्ष में हैं, लेकिन कई जगहों पर कांग्रेस को भी नुक़सान हुआ है। जीत-हार पर दोनों दल जश्न और गम में न डूबें, बल्कि आगे के चुनावो के लिए सबक लें।
पाँच राज्यों में शुरुआती रुझानों के कांग्रेस के पक्ष में आने के बाद पार्टी में जश्न का माहौल है। अब कांग्रेस की आगे क्या है योजना? वरिष्ठ पत्रकार यूसुफ़ अंसारी ने कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी से बातचीत की।
पाँच राज्यों में मतगणना में शुरुआती रुझानों में कांग्रेस को बढ़त मिलती दिख रही है। इन रुझानों के बाद कांग्रेस के दिल्ली दफ़्तर में पार्टी कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। विडियो में देखें जश्न का महौल।
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिज़ोरम के नतीजों के लिए मतगणना 8 बजे से शुरू होगी। इन राज्यों के नतीजों को लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।
पाँच राज्यों में एग्ज़िट पोल के नतीजों से इतना साफ़ है कि संघ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कांग्रेसमुक्त भारत का सपना सच होने में अभी बहुत वक़्त लगेगा।
न तो अजीत जोगी की पैंतरेबाज़ी काम आई और न ही बीजेपी एंटी-इन्कम्बेंसी से पार पा पाई। बिना चेहरे के ही कांग्रेस ने नई तसवीर पेश कर दी। बल्कि यूँ कहें तो बदल डाली।
पाँच राज्यों में एग्ज़िट पोल के नतीजे बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। तो क्या राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के नतीजों का असर लोकसभा चुनाव पर होगा?