छह पुलिस कर्मियों की मौत और मिज़ोरम के साथ बढ़ते तनाव के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सर्मा ने मिज़ोरम पुलिस पर 'भड़काने वाली कार्रवाई' करने का आरोप लगाया है।
बिल में कहा गया है कि राज्य के जिस इलाक़े में हिंदू, जैन, सिख और बीफ़ नहीं खाने वाले दूसरे समुदाय के लोग रहते हैं, वहां पर इसकी और इससे बने उत्पादों की बिक्री और ख़रीद पर रोक लगाई जाएगी।
राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने घोषणा की है कि उनकी सरकार जल्द ही महिलाओं से शादी करने के लिए धार्मिक पहचान व ऐसी ही दूसरी जानकारी छुपाने वालों के ख़िलाफ़ क़ानून लाएगी। हालाँकि, उन्होंने इसे 'लव जिहाद' का नाम देने से इंकार कर दिया।
असम के विख्यात आंदोलनकारी और विधायक अखिल गोगोई को एनआईए की विशेष अदालत द्वारा यूएपीए (ग़ैर क़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के एक मामले से मुक्त किया जाना बताता है कि उन्हें बदनीयत से फँसाया गया था।
संविधान और क़ानून का पालन कराने की जिम्मेदारी जिन पर है, उन्हें किसी भी अपराधी को उसके मज़हब और जाति से नहीं जोड़ना चाहिए क्योंकि अपराधी सिर्फ़ अपराधी है।
आख़िर हिमंत बिस्व सरमा का असम का मुख्यमंत्री बनना सुनिश्चित हो गया है। चुनाव अभियान शुरू होने के समय से ही इसके साफ़ संकेत मिल रहे थे। क्या वह चुनौतियों से निपट पाएँगे?
हिमंत बिस्व सरमा ने सोमवार को असम के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। सरमा राज्य के 15 वें मुख्यमंत्री हैं। शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे।
असम में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने फिर से जीत हासिल की है, मगर उसकी जीत का रहस्य क्या है। बीजेपी के नेता दावा कर रहे हैं कि उन्होंने विकास किया है, लोगों ने उसके लिए उसे दोबारा सत्ता सौंपी है, लेकिन क्या इसमें सचाई है?
चुनाव नतीजे बताएंगे कि असम में हिंदुत्व की राजनीति का भविष्य क्या है और उसके बरक्स असमिया अस्मिता एवं संस्कृति की रक्षा के लिए की जाने वाली राजनीति का दौर ख़त्म हो गया है या फिर लौटेगा।
बस्तर में माओवादियों से लड़ते हुए जवानों की शहादत पर सवाल उठाने की वजह से असमिया लेखिका शिखा सर्मा को गिरफ़्तार कर लिया गया है। उन पर राजद्रोह का मामला लगाया गया है।