सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि असम और पूर्वोत्तर भारत में घुसपैठ रोकने के लिए अब तक क्या किया है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि एक जनवरी, 1966 से 25 मार्च, 1971 के दौरान असम में आए कितने लोगों को भारतीय नागरिकता दी गई है।
शुक्रवार को सामने आयी इस जानकारी के मुताबिक असम में अब सरकारी कर्मचारियों को दूसरी शादी के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी। असम सरकार ने 20 अक्टूबर को एक सर्कुलर जारी कर इसकी जानकारी दी है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की जुबान एक फिर विवादित बयान के लिए खुली है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि असम में भाजपा को अगले दस वर्षों तक मियां लोगों के वोट नहीं चाहिए। पश्चिम बंगाल की तरह असम में बंगाली भाषा बोलने वाले मुसलमानों को मियां कहा जाता है। लेकिन असम के ही सभ्य समाज में अब यह शब्द नहीं बोला जाता है।
असम में विवादास्पद क़ानून अफ्सपा को क्या इस साल के आख़िर तक अब पूरी तरह हटाना मुमकिन नहीं है? जानिए, इस विवादास्पद क़ानून को लेकर सरकार की क्या योजना है।
असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा की पत्नी पर केंद्रीय स्कीम का लाभ उठाने का आरोप लगा है। इस वजह से सरमा पर भी करप्शन का आरोप कांग्रेस ने लगाया है। सरमा ने सभी आरोपों का खंडन किया है। लेकिन यह जानना दिलचस्प है कि जिस केंद्रीय स्कीम की बात हो रही है, वो स्कीम क्या है, सरमा की पत्नी ने किस तरह लाभ उठाया।
लगातार विवादित बयान देकर सुर्खियों में रहने वाले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने अब राहुल गांधी के नाम को लेकर टिप्पणी की है। जानिए, कांग्रेस ने क्या जवाबी हमला किया।
असम में मुस्लिम व्यापारी से अवैध वसूली के लिए पुलिस ने प्रताड़ित किया, जिहादियों से संबंध बताकर एनकाउंटर की धमकी दी। जानिए, आईपीएस सहित पाँच पुलिसकर्मी कैसे पकड़े गए।
असम में विवादास्पद क़ानून अफ्सपा को क्या इस साल के आख़िर तक पूरी तरह हटा लिया जाएगा? जानिए, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने क्या कहा है और क्यों यह क़ानून विवादास्पद है।
अंगकिता ने अपने ट्वीट में उन्होंने श्रीनिवास पर आरोप लगाया कि वह लगातार उन्हें परेशान कर रहे हैं, और छह महीने से महिला होने के कारण उनके साथ भेदभाव कर रहे हैं।
राहुल गांधी को अब एक और मानहानि का मुक़दमा झेलना पड़ सकता है। जानिए, आख़िर क्यों पूर्व कांग्रेसी नेता और मौजूदा असम सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने मानहानि के मुक़दमे की चेतावनी दी है।
असम में बाल विवाह कानून के तहत गिरफ्तारियों का आंकड़ा विधानसभा में पेश किया गया। इंडियन एक्सप्रेस ने आंकड़ों का विश्लेषण किया है। इससे पता चलता है कि इस कानून का मुसलमानों की गिरफ्तारी के लिए जमकर दुरुपयोग किया गया है।
असम में बाल विवाह कानून के तहत हो रही गिरफ्तारियों पर सवाल उठ रहे हैं। गोहाटी हाईकोर्ट ने 9 लोगों को इन मामलों में जमानत देते हुए बीजेपी सरकार से पूछा है कि इन पर पॉक्सो कैसे लगाया जा सकता है।
असम में बाल विवाह कानून की आड़ में गिरफ्तारियों का मामला गंभीर होता जा रहा है। तमाम विवाद होने के बावजूद पुलिस ने गिरफ्तारियों को नहीं रोका। इसमें तमाम तरह की नाइंसाफी होने की बात सामने आ रही है।