असम में एनआरसी की सीमारेखा में सिर्फ़ 2 दिन बचे हैं, लाखों के सिर पर राज्यविहीन होने की तलवार लटक रही है। परिवार टूटने के कगार पर हैं, लोग बंदी शिविरों के डर से काँप रहे हैं।
असम में एनआरसी पर काफ़ी शख्त रही बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अब नरम क्यों पड़ गई है? सरकार ने एनआरसी से बाहर रह गए लोगों को राहत देने की घोषणा की है।
एजीपी के साथ पुनर्मिनल से बीजेपी को क्या लाभ मिलेगा? इस पर फ़िलहाल तो कुछ कहा नहीं जा सकता है पर यह तय है कि विपक्षी कांग्रेस और एआईयूडीएफ़ में घमासान मचेगा।
एनआरसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि गृह मंत्रालय एनआरसी की प्रक्रिया को बर्बाद करने की कोशिश कर रहा है।
असम में नागरिकता विधेयक के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बीजेपी के जिलाध्यक्ष को जमकर पीट दिया। बीजेपी नेता की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
जद(यू) ने कहा है कि वह राज्यसभा में नागरिकता विधेयक का विरोध करेगी। इसके बाद से ही यह सवाल पूछा जा रहा है कि क्या बीजेपी और जद (यू) के रिश्तों में खटास आ चुकी है?