बीटीसी चुनाव में बीजेपी अपनी सहयोगी बीपीएफ़ के ख़िलाफ़ ही चुनाव लड़ रही है। चुनाव प्रचार में बीजेपी के मंत्री हिमंत विश्व शर्मा और बीपीएफ़ के मोहिलारी एक-दूसरे पर आक्रमण करते रहे।
असम में कछार ज़िला प्रशासन ने पुलिस से बजरंग दल के एक नेता द्वारा कथित तौर पर क्रिसमस के मौक़े पर चर्चों में जाने वाले हिंदुओं को पीटने की धमकी देने वाले भड़काऊ भाषण की जाँच करने को कहा है।
कांग्रेस के विधायक शेरमन अली अहमद द्वारा राज्य के संग्रहालयों के निदेशक को पत्र लिखने के बाद सवाल उठाया जा रहा है कि सरकारी फंडिंग के साथ राज्य में एक ‘मियाँ संग्रहालय’ कैसे स्थापित किया जा सकता है?
असम-मिज़ोरम के दो समूहों के बीच हिंसक झड़पों के बाद दोनों राज्यों की सीमा पर तनाव व्याप्त हो गया और कई लोग घायल हो गए। इस महीने दोनों राज्यों के निवासियों के बीच यह दूसरा ऐसा विवाद है।
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के अधिकारियों ने तैयार रजिस्टर से ‘अयोग्य’ नामों को हटाने का आदेश दिया है। आशंका है कि फ़ाइनल सूची से नाम कहीं चुनिंदा तरीक़े से न हटा दिया जाएँ।
बीजेपी अच्छी तरह जानती है कि वह शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार जैसे विकास के मुद्दों पर आम जनता से वोट नहीं माँग सकती। चुनाव जीतने के लिए उसके पास एक ही ब्रह्मास्त्र है- सांप्रदायिक ध्रुवीकरण।
असम के शिक्षा मंत्री हिमन्त विश्व शर्मा ने गुरुवार को कहा है कि असम में अगले नवंबर महीने से सरकारी सहायता से चलने वाले 614 मदरसे और 101 संस्कृत टोल (संस्कृत पाठशाला) बंद कर दिए जाएँगे।
बदरुद्दीन अजमल के नेतृत्व में एआईयूडीएफ़ ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने पर सहमति जताई है।
असम के धुबड़ी ज़िले में एक विदेशी ट्रिब्यूनल (एफ़टी) में सात मुसलिम असिस्टेंट गवर्नमेंट प्लीडर (एजीपी) को हटाकर जिस तरह हिंदू समुदाय के सात अधिवक्ताओं को नियुक्त किया गया है, उसकी तीव्र आलोचना हो रही है।
आसू और एजेवाईसीपी ने कहा है कि भारतीय संविधान के ढांचे के अंतर्गत और देश के संघीय ढांचे के अनुरूप नई पार्टी की मुख्य मार्गदर्शक विचारधारा असम पहले, हमेशा और हमेशा होगी।
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची से बाहर किए गए लोगों को अस्वीकृति पर्ची जारी करने की प्रक्रिया को कोविड-19 महामारी की स्थिति के कारण स्थगित कर दिया गया था।