असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि वह असम-मिज़ोरम सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएँगे लेकिन अपने अधिकारियों की जाँच की अनुमति नहीं देंगे। हालाँकि इसके साथ ही उन्होंने बातचीत की भी वकालत की।
असम-मिज़ोरम के बीच पिछले छह दिनों से चले आ रहे तनाव को कम करने की बात तो दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री कर रहे हैं, लेकिन हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं। दोनों राज्यों ने एक-दूसरे को समन दिया है लेकिन वे उसे मानने को तैयार नहीं हैं। दोनों तरफ़ से एफ़आईआर भी दर्ज कराई गई, असम ने तो अपने राज्य के लोगों को मिज़ोरम जाने पर एडवाइजरी भी जारी कर दी थी और मिज़ोरम से आने वाले सभी वाहनों की जाँच के आदेश दिए थे। गतिरोध दोनों राज्यों के बीच तनाव को बढ़ा रहा है।
इस बीच अब हिमंत बिस्व सरमा ने एएनआई से कहा, 'मुझे खुशी होगी अगर मेरे ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज करने से समस्या का समाधान हो जाता है, मैं किसी भी पुलिस स्टेशन में जाकर पेश होऊंगा। लेकिन मैं अपने अधिकारियों की जाँच की अनुमति नहीं दूँगा।'
सरमा ने कहा कि असम-मिज़ोरम सीमा पर हुई हिंसक झड़प में छह पुलिस अधिकारी मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। उन्होंने कहा कि मिज़ोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने क्वारंटीन से बाहर निकलने के बाद उन्हें फोन करने का वादा किया था।
Our main focus is on keeping the spirit of North-East alive. What happened along the Assam-Mizoram border is unacceptable to the people of both states. Honble CM @ZoramthangaCM had promised to call me post his quarantine. Border disputes can only be resolved through discussion
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 1, 2021
ऐसी ही बातचीत की पैरवी मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथंगा ने भी की है कि वह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीक़े से सुलझाने को सहमत हैं। ज़ोरमथंगा ने यही ट्वीट भी किया है।
@AmitShah @HMOIndia @dipr_mizoram @CMOMizoram @CMOfficeAssam pic.twitter.com/LU8CVrh0Ed
— Zoramthanga (@ZoramthangaCM) August 1, 2021
उन्होंने ट्वीट में कहा, 'केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद असम-मिज़ोरम सीमा विवाद सुलझाने के लिए अर्थपूर्ण बातचीत करने को हम सहमत हो गए हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि दोनों राज्यों के बीच तनाव कम करने के लिए नए सिरे से बातचीत शुरू हो गई है। ज़ोरमथंगा ने कहा कि तनाव बढ़ने की किसी भी संभावित स्थिति को देखते हुए वह मिज़ोरम के लोगों से सोशल मीडिया पर संवेदनशील चीजें पोस्ट करने से बचने का आग्रह करते हैं।
हालाँकि, बातचीत से हल निकालने की बात दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री कह रहे हैं, लेकिन वास्तविक हालात नहीं सुधरते दिख रहे हैं। दोनों राज्यों की पुलिस वहीं अड़ी है और वे पीछे हटने को राज़ी नहीं हैं। हिमंत बिस्व सरमा ने एक दिन पहले ही कहा था कि इस मुद्दे को सीबीआई या एनआईए को सौंप दिया जाना चाहिए। इसके जवाब में मिज़ोरम के गृह मंत्री ललचमलियाना ने शनिवार को कहा था कि मिज़ोरम पुलिस असम के बुलावे का सम्मान नहीं करेगी।
इससे पहले मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के वेरेंगेटे में पुलिस ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और छह पुलिस अफ़सरों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई है तो असम के कछार में मिज़ोरम पुलिस के आला अफ़सरों के ख़िलाफ़ मामला दायर किया गया है। इससे पहले असम ने अपने राज्यों के लोगों को मिज़ोरम जाने के ख़िलाफ़ एडवाइजरी जारी की थी। उसने मिज़ोरम से असम में घुसने वाले सभी वाहनों की जाँच के आदेश भी दिए हैं। केंद्रीय स्तर पर प्रयास के बाद भी अभी तक मामला सुलझता नहीं दिख रहा है।
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