असम की बोडोलैंड काउंसिल चुनाव में बीजेपी ने गठबंधन के पुराने साथी बीपीएफ़ के ख़िलाफ़ लड़कर यूपीपीएल और जीएसपी के साथ सरकार बनाने का फ़ैसला किया है, जबकि प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि विधानसभा और लोकसभा में बीपीएफ़ के साथ बीजेपी का गठबंधन जारी रहेगा। ख़ुद को सिद्धान्त पर आधारित पार्टी कहने वाली बीजेपी ने एक बार फिर अवसरवादिता का उदाहरण पेश किया है।
बीजेपी ने यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) और गण सुरक्षा पार्टी (जीएसपी) के साथ बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) में सरकार बनाने के लिए गठबंधन किया है, जिसके परिणाम रविवार को घोषित किए गए थे।
ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन के पूर्व अध्यक्ष, प्रमोद बोरो, जो अब यूपीपीएल का नेतृत्व कर रहे हैं, बीटीसी के अगले मुख्य कार्यकारी सदस्य (सीईएम) बन जाएँगे। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि नए सीईएम प्रमोद बोरो के नेतृत्व में बीटीसी आपसी सहयोग के माध्यम से सभी समुदायों के विकास के लिए काम करेगी।’
बीटीसी संविधान की छठी अनुसूची के तहत एक स्वायत्त स्वशासी निकाय है। इससे पहले दो बोडो समझौते हुए हैं- दूसरे समझौते के तहत 2003 में बीटीसी का गठन हुआ। 2015 के बीटीसी चुनावों में बीपीएफ़ ने 20 सीटें जीती थीं और सत्ता में आई थी। तब बीजेपी ने केवल एक सीट जीती थी।
40 सदस्यीय बीटीसी के चुनाव 7 और 10 दिसंबर को हुए थे।
यूपीपीएल ने 12, बीजेपी ने नौ, जीएसपी ने एक और कांग्रेस ने एक सीटें जीतीं। बीपीएफ़- जो राज्य सरकार में बीजेपी की सहयोगी है- ने 17 सीटें जीतीं। बीजेपी ने इस चुनाव में बीपीएफ़ के साथ गठबंधन नहीं किया और बीपीएफ़ के ख़िलाफ़ उसने मुखर रूप से प्रचार किया था।
बीजेपी ने यूपीपीएल को नया साथी बना लिया है। दूसरी तरफ़ सोनोवाल के मंत्रिमंडल में बीपीएफ़ के तीन मंत्री हैं। रविवार को हुई कैबिनेट की बैठक में बीपीएफ़ के तीनों में से कोई भी मंत्री मौजूद नहीं था।
बीपीएफ़ सुप्रीमो और पूर्व बीटीसी सीईएम, हाग्रामा मोहिलारी ने परिणामों के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, ‘बीटीसी के लोगों के प्यार और समर्थन के साथ हमारी पार्टी को 40 में से 17 सीटों पर जीत के रूप में बहुमत मिला है। चूँकि हम केंद्र और राज्य में बीजेपी के साथ गठबंधन कर रहे हैं, इसलिए हमारी पार्टी को उम्मीद है कि बीजेपी सरकार बनाने में हमारा समर्थन करेगी। हमारी पार्टी हमारे क्षेत्र की वृद्धि और समृद्धि के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।’
रविवार को बीटीसी में नए गठबंधन की घोषणा की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सहित बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने यूपीपीएल को बधाई दी और उसे पार्टी को सहयोगी बताया।
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रविवार के बीटीसी चुनाव परिणाम अगले साल होने वाले राज्य के विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक बदलावों के संकेत हैं। बीजेपी चुनाव प्रचार अभियान के दौरान बीपीएफ़ के ख़िलाफ़ होती चली गई और परिणामों के बाद उसे छोड़ने का फ़ैसला किया। हालाँकि बीपीएफ़ ने 17 सीटें जीतीं। यह देखा जाना चाहिए कि क्या यह बीपीएफ़ प्रमुख हाग्रामा मोहिलारी के अंत की शुरुआत है। यूपीपीएल -बीजेपी गठबंधन राज्य के चुनावों में किस तरह से प्रदर्शन करता है, यह देखना होगा। नतीजे बीटीआर में बीजेपी के उत्थान का संकेत देते हैं -जिसने पिछली बार एक सीट हासिल की थी और इस बार उसे नौ सीटें मिली हैं। पार्टी को लगता है कि बोडो समझौते से क्षेत्र में शांति और विकास की शुरुआत हुई है, जिसका लाभ उसे मिला है।
इस साल का बीटीसी चुनाव जनवरी में बोडो समूहों के साथ एक ऐतिहासिक शांति और विकास समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद हुआ है, जिसके बाद उग्रवादी संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ़ बोडोलैंड के 1,600 से अधिक कैडर आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
समझौते और इसके त्वरित कार्यान्वयन के वादे से बीजेपी को चुनाव में फ़ायदा मिला है। ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन के नेता के रूप में, प्रोमोद बोरो ने समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
17 सालों तक बीटीसी के सीईएम रहे मोहिलारी ने चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद बीटीसी के मुख्यालय कोकराझार में प्रेस कान्फ्रेंस आयोजित कर कहा,
“
मैं बीजेपी से साथ मिलकर सरकार बनाने की अपील करता हूँ। दिसपुर में हम मिलकर सरकार चला रहे हैं और हमारा गठबंधन टूटा नहीं है। बीजेपी को गठबंधन धर्म का पालन करना चाहिए।
हाग्रामा मोहिलारी
लेकिन बीजेपी ने इस अपील पर ध्यान नहीं दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘एनडीए ने असम बीटीसी चुनाव में बहुमत हासिल कर लिया है। मैं अपने सहयोगी दल यूपीपीएल को जीत की बधाई देता हूँ।’
बीपीएफ़ ने 2016 का विधानसभा चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर लड़ा था और 12 सीटों पर जीत हासिल की थी। बीपीएफ़ के इकलौते राज्यसभा सदस्य विश्वजीत दैमारी पिछले महीने बीजेपी में शामिल हो चुके हैं।
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