अविभाजित आंध्र प्रदेश के अंतिम मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी शुक्रवार को भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने कुछ दिन पहले ही पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को एक लाइन का त्याग पत्र भेजा था।
कांग्रेस से इस्तीफ़े के एक हफ़्ते में ही वह नयी दिल्ली में बीजेपी के मुख्यालय में एक समारोह में बीजेपी की सदस्यता ली। पार्टी नेता और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने उन्हें पार्टी में शामिल कराया।
Former CM of Andhra Pradesh, Shri Kiran Kumar Reddy joins BJP at Party Headquarters in New Delhi. #JoinBJP https://t.co/3XhDcVIHB2
— BJP (@BJP4India) April 7, 2023
किरण कुमार ने 2014 में तत्कालीन यूपीए सरकार के आंध्र प्रदेश को विभाजित करने और तेलंगाना को अलग करने के फैसले के विरोध में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपनी पार्टी 'जय समैक्य आंध्र' बनाई और यहां तक कि 2014 के चुनावों में कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार भी उतारे। हालांकि, पूर्व सीएम 2018 में फिर से कांग्रेस में शामिल होने से पहले लंबे समय तक राजनीति से दूर रहे थे।
आंध्र प्रदेश के विभाजन से कांग्रेस को भारी नुक़सान हुआ था और विभाजन के बाद पार्टी नेताओं का बड़े पैमाने पर पलायन हुआ और तब से कांग्रेस की हालत राज्य में बेहद ख़राब है।
रेड्डी ने कहा है कि वह विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए बीजेपी में शामिल हो रहे हैं।
किरण कुमार रेड्डी का बीजेपी में शामिल होने का फ़ैसला तब आया है जब अगले साल आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। वहाँ सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस और मुख्य विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी के बीच कड़ा मुक़ाबला है। रेड्डी के शामिल होने से रायलसीमा क्षेत्र में भाजपा की उपस्थिति मजबूत होने की संभावना है। रायलसीमा क्षेत्र से ही रेड्डी आते हैं और उनका काफी प्रभाव है। उन्हें भाजपा द्वारा संभावित मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में भी पेश किए जाने की संभावना है, जो राज्य में तीसरे विकल्प के रूप में उभरने की कोशिश कर रही है।
पीएम मोदी की प्रशंसा
वरिष्ठ नेताओं द्वारा बीजेपी में स्वागत किए जाने पर रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की। उन्होंने कांग्रेस के साथ अपने परिवार के छह दशक लंबे जुड़ाव का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने 'कभी नहीं सोचा था' वह पार्टी छोड़ देंगे।
रेड्डी ने अपने कांग्रेस नेतृत्व पर लोगों के फ़ैसले को स्वीकार करने और उसी अनुसार सुधार करने में असमर्थता के लिए निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व मानता है कि वह सही है और भारत के लोगों सहित अन्य सभी ग़लत हैं।
उन्होंने कहा, 'वे सत्ता पर नियंत्रण चाहते हैं, लेकिन कड़ी मेहनत या कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं... सभी राज्यों में कांग्रेस को नुक़सान हो रहा है और इसका हाईकमान दूसरों के साथ बातचीत नहीं करता है या उनकी राय नहीं लेता है।'
ए के एंटनी के बेटे भी बीजेपी में
पूर्व रक्षा मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए के एंटनी बेटे अनिल के एंटनी भी एक दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुए हैं। हालांकि इसके कयास पहले से ही लगाए जा रहे थे। बीते जनवरी बीबीसी की प्रधानमंत्री पर बनी डॉक्यूमेंट्री को लेकर हुए विवाद के बाद उन्होंने कांग्रेस के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
ए के एंटनी ने अपने बेटे के इस फैसले पर अपना दुख और पीड़ा व्यक्त की है। गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए एंटनी ने कहा कि वह बेटे के बीजेपी में शामिल होने से बहुत आहत हैं, और उन्हें यह निर्णय मंजूर नहीं है। एके एंटनी बेटे अनिल के एंटनी के बीजेपी में शामिल होने को लेकर पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।
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