आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के रोड शो में बुधवार शाम को जबरदस्त भगदड़ मची और इस दौरान कई लोग एक नाले में गिर गए। इस घटना में 8 लोगों की मौत हो गई। पूर्व मुख्यमंत्री नायडू इन दिनों राज्य के कई हिस्सों में इदेमी खर्मा मना राष्ट्रनिकी यात्रा निकाल रहे हैं जिसका मतलब होता है कि हमारा राज्य इस हालात का सामना क्यों कर रहा है?
यह घटना आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के कंदुकुर में हुई। पुलिस के मुताबिक मौके पर बड़ी संख्या में टीडीपी के कार्यकर्ता और समर्थक जुटे थे।
जैसे ही चंद्रबाबू नायडू मौके पर मौजूद लोगों को संबोधित करने पहुंचे तो ज्यादा भीड़ होने की वजह से भगदड़ जैसे हालात बन गए, ज्यादा लोगों के एक नाले पर चढ़ जाने की वजह से इसकी सीमेंट की रेलिंग टूट गई और कई लोग नाले में गिर गए।
नाले में गिरने के बाद तीन लोगों की मौत दम घुटने से उसी वक्त हो गई जबकि दो लोगों की मौत अस्पताल ले जाते वक्त हुई और तीन लोगों की मौत इलाज के दौरान हुई है।
घटना के बाद नायडू अस्पताल पहुंचे और पार्टी के घायल कार्यकर्ताओं से मिले। उन्होंने इस घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया।
नायडू के बेटे और टीडीपी के राष्ट्रीय महासचिव लोकेश नारा ने घटना पर दुख जताया है और कहा है कि घायलों का बेहतर इलाज किया जा रहा है।
अंतिम चुनाव का दांव
आंध्र प्रदेश में साल 2024 के मई में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा के चुनाव होने हैं और उससे ठीक पहले चंद्रबाबू नायडू कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए पूरे राज्य में यात्रा निकाल रहे हैं। चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि अगर लोग उनकी पार्टी को नहीं चुनते हैं तो 2024 का विधानसभा चुनाव उनके लिए अंतिम चुनाव होगा।
नायडू ने वाईएसआर कांग्रेस के मुखिया और मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ नवंबर में यात्राएं शुरू की थीं। इस दौरान वह जगन सरकार की कथित विफलताओं को मुद्दा बना रहे हैं।
अगले साल जनवरी में नारा लोकेश राज्य में 4000 किलोमीटर लंबी पदयात्रा भी शुरू करेंगे। इसके जरिए टीडीपी युवा कार्यकर्ताओं को पार्टी से जोड़ने की कोशिश करेगी। यह यात्रा 27 जनवरी को शुरू होगी और 400 दिन तक चलेगी।
कुछ दिन पहले हुई थी झड़प
कुछ दिन पहले वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी के कार्यकर्ताओं के बीच पलनाडु जिले में हिंसक झड़प हुई थी और इसमें दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता घायल हुए थे। हालात इतने बिगड़ गए थे कि पुलिस को इलाके में धारा 144 लागू करनी पड़ी थी।
टीडीपी ने आरोप लगाया था कि उसके पार्टी दफ्तर में तोड़फोड़ की गई और उसके नेताओं की गाड़ियों को तोड़ दिया गया। उसके समर्थकों की कुछ दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया गया लेकिन पुलिस ने वाईएसआर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
हुई थी बुरी हार
बताना होगा कि साल 2019 में वाईएसआर कांग्रेस ने टीडीपी को सत्ता से बाहर कर दिया था। तब हुए चुनाव में 175 सीटों वाली आंध्र प्रदेश की विधानसभा में वाईएसआर कांग्रेस को 151 सीटों पर जीत मिली थी जबकि एन. चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी को सिर्फ 23 सीटों पर जीत मिली थी। यह टीडीपी का बेहद खराब प्रदर्शन था क्योंकि 2014 के विधानसभा चुनाव में उसे 102 सीटों पर जीत मिली थी लेकिन 2019 में वह बुरी तरह पिछड़ गई थी।
2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं रहे थे जबकि अभिनेता से राजनेता बने पवन कल्याण की जनसेना पार्टी को 1 सीट पर जीत मिली थी।
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