स्कूल ऑफ़ भगवद्गीता के निदेशक के आश्रम पर हमले और आगजनी से साफ़ है कि सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध अब हिंसक तत्वों के हाथों में पहुँच चुका है।
सीबीआई के चोटी के दो अफ़सरों को हटाने के मामले का दिलचस्प पहलू यह है कि अलग-अलग वजहों से सरकार और विपक्ष दोनों ही खुश हैं। दोनों के अपने-अपने दावे भी हैं।
सबरीमला मंदिर में महिलाओं को अंदर इसलिए नहीं जाने दिया जाता है कि भगवान अयप्पा स्वयं अविवाहित हैं, या मंदिर को माहवारी से 'अपिवत्र' होने से बचाने की कोशिश है?
बीजेपी ने सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर एक बड़ा आंदोलन खड़ा कर सरकार को घेरने में कामयाबी हासिल की है। लगता है, उसकी रणनीति सियासी फ़ायदा उठाना है।
अखबार घरानों और वैचारिक रूप से विरोधियों को निशाने पर लाने के लिए तरह तरह के तरीके अपना रही है मोदी सरकार। जो इससे असहमति दिखाते हैं, उन्हें वह आंख दिखाती है।
भारी बहुमत और अहम पदों पर होने के बावजूद कुछ हिदुओं को क्यों लगता है कि वे भारत में असुरक्षित हैं? क्या हिंदू धर्मग्रंथ दूसरे समुदायों से घृणा करना सिखाते हैं?
गंगा की रक्षा के लिए चार महीने से अनशन पर बैठे पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ. जी. डी. अगरवाल ने मोदी को छह चिट्ठियाँ लिखीं मगर उनकी तरफ़ से एक का भी जवाब नहीं आया।
महाराष्ट्र के बाद अब गुजरात में बाहरी लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। ऐसा क्यों होता है कि बिहार-उत्तर प्रदेश के लोग अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग समय निशाने पर होते हैं?
इमरान सरकार के मंत्री हाफ़िज़ सईद के कार्यक्रम में जाते हैं। वे कहते भी हैं कि वे प्रधानमंत्री के कहने पर वहां गए थे। ऐसे में पाक आतंक पर क़ारवाई कैसे करेगा?
राहुल गांधी कहते हैं कि अगर सहयोगी चाहेंगे, तो वह प्रधानमंत्री बनने से हिचकिचायेंगे नहीं। 2019 में विपक्ष अगर जीता, तो मुक़ाबला क्या राहुल और मायावती में होगा?
भारत-पाक के बीच हाल में दुबई में क्रिकेट मैच हुआ। दर्शकों ने इसका ख़ूब आनंद लिया। अगर दोनों देश दुबई में क्रिकेट खेल सकते हैं तो एक-दूसरे की ज़मीन पर क्यों नहीं?