क्वैड की बैठक में कोई चीन से पंगा लेने को तैयार नहीं था। भाषणों का सार यही था कि ‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र’ में ‘क़ानून का राज’ चलना चाहिए और समुद्री मार्ग सबके लिए खुले होने चाहिए।
हाथरस मामले में आरोपियों के पक्ष में ठाकुर समुदाय ने भगना में पंचायत की। संयोजन सिकन्दराराव (हाथरस) के बीजेपी विधायक वीरेन्द्रसिंह राणा कर रहे थे। आख़िर क्या है लखनऊ से कनेक्शन?
हाथरस मामले में आरोपियों के पक्ष में सवर्ण समाज के एकजुट होने और पंचायत करने से तनाव फैलने के आसार हैं। पूर्व विधायक राजवीर सिंह पहलवान ने तो चारों आरोपियों को निर्दोष बताया है। आख़िर आरोपियों के समर्थन में क्यों आ जाता है सवर्ण समाज?
हाथरस में सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मिले जीवन के अधिकार और निजी स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन कर रही है। इसके साथ ही वह इससे जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का भी उल्लंघन कर रही है।
हाथरस में मरने वाली निर्भया की फोरेंसिक जाँच रिपोर्ट पेश करते हुए उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) ने बीते गुरुवार को बड़े गर्व से कहा कि ‘मृत लड़की की योनि से शुक्राणु बरामद नहीं हुए हैं। इसके क्या मायने हैं?
क्या बिहार विधान सभा चुनाव में जातीय समीकरण ही सब कुछ तय करेगा? यह एक बड़ा सवाल है। बीजेपी और नीतीश इसके लिए तैयार हैं। तेजस्वी को अपना क़ूबत दिखाना है। यह भी तय होना है कि मतदाता जब डर से ख़ामोश रहता है तो रिज़ल्ट क्या होता है।
सीमा और भूभाग के मसले पर 29 सितम्बर को चीन ने अचानक अपना रुख कड़ा करने के एक दिन बाद अपने तेवर नरम किये हैं। उसने दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की 10 सितम्बर को मास्को में हुई बैठक के बाद बनी पांच- सूत्री सहमति को लागू करने पर ज़ोर दिया है।
बाबरी मसजिद मामले में सीबीआई ने जो वीडियो आदि सबूत दिखाए, वे जज को विश्वसनीय नहीं लगे। क्या दुनिया में जितने भी अपराध होते हैं, उनका फ़ैसला वीडियो के आधार पर होता है?
बॉलीवुड में इन दिनों एक तरफ सुशांत सिंह राजपूत केस और ड्रग्स केस में रिया चक्रवर्ती और अन्य कई बड़ी फ़िल्मी हस्तियों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं, तो दूसरी तरफ यौन उत्पीड़न के आरोप में फ़िल्म निर्माता अनुराग कश्यप की भी मुश्किलें कम होती नज़र नहीं आ रही।
शिवसेना के बाद सबसे लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी के साथ रहने वाले अकाली दल ने अलग रास्ता तो चुन ही लिया है, उसने सत्तारूढ़ दल के ख़िलाफ़ एक बड़े और नए राजनीतिक गठबंधन बनाने का संकेत देकर राजनीति में दिलचस्प मोड़ ला दिया है।
दीन दयाल उपाध्याय की मौत की सीबीआई जाँच को लेकर न्यायालय ने उँगलियाँ उठाईं। जस्टिस चंद्रचूड़ आयोग ने भी मौत को रहस्यमय बताया। जनसंघ के प्रमुख रहे बलराज मधोक ने भी कई संदेह जताए। तो अभी भी इस पर क्यों बना हुआ है रहस्य?
पूर्वी लद्दाख के सीमांत इलाक़ों में बीते 5 मई से चल रही सैन्य तनातनी दूर करने के लिये सोमवार को दोनों पक्षों के सैन्य और राजनयिक प्रतिनिधियों की हुई छठी बैठक के बाद जारी साझा बयान उम्मीदें पैदा करता है।
समाचार मीडिया बेरोज़गारी, ग़रीबी और इसके जैसे जनहित के मुद्दों पर रिपोर्टिंग न कर अपना अधिकांश समय व्यर्थ और ग़ैरज़रूरी मनोरंजक समाचारों पर नष्ट कर रहा है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना लॉकडाउन का असर जानने के लिए जेएनयू और लखनऊ के संस्थान के प्रोफ़ेसरों ने 3 ज़िलों में सर्वे किया। सर्वे के अनुसार, लोगों की आमदनी 5 गुनी कम हो गई।