यूपी चुनाव में ध्रुवीकरण नई चीज नहीं है। लेकिन 2017 में यूपी विधानसभा और 2019 में केंद्र में बीजेपी सरकार बनने के बाद यह उम्मीद थी कि इस बार शायद विकास के मुद्दे पर कम से कम बीजेपी चुनाव लड़ेगी। लेकिन सारा माहौल धार्मिक और जातीय ध्रुवीकरण की तरफ बढ़ता दिख रहा है। इस खेल में सारे राजनीतिक दल शामिल हैं।
क्या नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की वजह से पिछले आठ सालों में पहली बार ग़रीबी बढ़ी है? क्या यह नोटबंदी व ग़लत तरीके से जीएसटी लागू करने का नतीजा है?
सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 में संशोधन का विधेयक लाने जा रही है। इसके जरिए लड़कियों की उम्र 18 से 21 साल करने का प्रस्ताव है। जाटों की खाप पंचायतें इसका विरोध कर रही हैं। हरियाणा में 2 जनवरी को महापंचायत बुलाई गई है। लेकिन इनके अलावा बहुत लोग इसके विरोध में हैं।
करीब दो महीने बाद पांच राज्यों यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और
मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन प्रधानमंत्री का सारा फोकस यूपी
पर है। अब वो चार कार्यक्रमों में फिर से यूपी जा रहे हैं।
मोदी के दौरे ने उस तथ्य को फिर से उजागर कर दिया है कि केंद्र में सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से ही तय होता है।
बीजेपी में उत्तर प्रदेश के कई बड़े नेताओं की राय ऐसी क्यों है कि अब अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफ़े के मसले पर जितनी देर की जाएगी, उतना ही ज़्यादा नुक़सान हो सकता है। इसके अलावा मिश्रा के समर्थन में कोई बड़ा नेता क्यों नहीं आया?
आम आदमी पार्टी क्या गांधीनगर नगर निगम चुनाव में बीजेपी को फ़ायदा पहुँचाने के लिए खड़ी हुई थी? अगले साल जिन पाँच राज्यों में चुनाव होने हैं उनमें से 4 जगह से आप चुनाव लड़ रही है तो क्या विपक्ष को नुक़सान पहुँचाएगी?
प्रधानमंत्री मोदी जब अमेरिकी यात्रा से लौटे तो उनका ऐसा स्वागत किया गया जैसे किसी ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई हो! लेकिन क्या ऐसा है? आख़िर उनकी इस यात्रा का क्या नतीजा निकला?
राजनयिक से राजनेता बने एस. जयशंकर के नेतृत्व में भारतीय विदेश नीति का इतना बुरा हाल है कि न तो किसी पड़ोसी देश से इसके अच्छे रिश्ते हैं न ही पाँच बड़े देश इसे पूछते हैं। ऐसे में विदेश मंत्री कब तक पद पर बने रहेंगे?
उत्तर प्रदेश में अगले कुछ महीनों बाद चुनाव होने हैं, लेकिन काफ़ी पहले से ही राजनीतिक दल ब्राह्मणों को रिझाने की कोशिश में जुट गए हैं। चाहे वह मायावती हों या अखिलेश यादव। बीएसपी के बाद बीजेपी भी प्रबुद्ध सम्मेलन के लिए जुटी हुई है।
काबुल हवाई अड्डे पर हुए धमाकों से यह संकेत मिलता है कि इसलामिक स्टेट अब वहां पहले से अधिक मजबूती से उभर कर आ सकती है और तालिबान के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर हिंसा फैला सकती है। पढ़ें, प्रमोद मल्लिक का यह लेख।
एक सर्वेक्षण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में 42 फ़ीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई है वहीं योगी आदित्यनाथ और अमित शाह की लोकप्रियता में वृद्धि हुई है।