उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर बुलडोजर चलाया है। लेकिन कश्मीर के आतंकियों पर बीजेपी की सरकार के ये बुलडोजर क्यों नहीं चलते? क्या उसकी नज़र बहुसंख्यकवाद पर है।
पैगंबर साहब पर की गई टिप्पणी को लेकर हुए विवाद के बाद दिल्ली पुलिस ने असदुद्दीन ओवैसी सहित कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी है। जबकि नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को गिरफ्तार तक नहीं किया जा रहा है। इसका क्या मतलब है?
नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के पैगंबर मोहम्मद साहब पर दिए गए बयान को लेकर इस्लामिक मुल्कों का जोरदार विरोध और देश के कई हिस्सों में बन रहा सांप्रदायिक तनाव का माहौल क्या वाकई किसी बड़े ख़तरे का संकेत है?
नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल पर यह कार्रवाई बीजेपी ने उनके बयान और ट्वीट आने के तुरंत बाद क्यों नहीं की? क्या बीजेपी को यह कार्रवाई प्रधानमंत्री मोदी की छवि खराब होने के डर से करनी पड़ी?
हार्दिक पटेल बीजेपी में शामिल हुए तो बीजेपी के ख़िलाफ़ किए गए उनके ट्वीट क्यों साझा किए जा रहे हैं? उन्होंने जिन अमित शाह को जनरल डायर कहा था उनकी तारीफ़ें क्यों कर रहे हैं?
विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्री आखिर क्यों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बेरूखी भरा व्यवहार कर रहे हैं? क्या इसके लिए प्रधानमंत्री ही जिम्मेदार हैं?
राज्यसभा के लिए होने वाले चुनाव के लिए बीजेपी की ओर से जिन नेताओं को नामित किया गया है उसमें अब कोई मुसलिम नहीं है। तो क्या बीजेपी मुसलिम मुक्त पार्टी होना चाहती है संसद में?
कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवारों की सूची में चौंकाने वाली बात यह है कि पार्टी को महाराष्ट्र से कोई मराठी, छत्तीसगढ़ से कोई छत्तीसगढ़ी और राजस्थान से कोई राजस्थानी नेता नहीं मिला।
पिछले सात-आठ वर्षों में देश में जातीय और सांप्रदायिक नफरत, तनाव और हिंसा की कैसी स्थिति है? क्या लोगों के बीच खाई और चौड़ी नहीं हुई है? आर्थिक हालात कैसे हैं और विदेश नीति का क्या हाल है?
उदयपुर में हुए चिंतन शिविर को लेकर कहा जा रहा है कि कांग्रेस अगर इसमें लिए गए फ़ैसलों पर अमल कर पाई तो उसका कायापलट हो जाएगा? लेकिन क्या वह फ़ैसलों पर अमल कर पाएगी?
राजद्रोह मामले में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फ़ैसले के बाद इस पर विवाद गहराया है। कुछ लोग इसे देशद्रोह मानते हैं। लेकिन क्या ऐसा है कि राजद्रोह क़ानून और देशद्रोह क़ानून एक ही हैं?