नीतीश कुमार जहां विपक्षी दलों को एकजुट कर रहे हैं तो राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के जरिये लोगों तक पहुंच रहे हैं। लेकिन यह जानना जरूरी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या कर रहे हैं।
राज्यों में विधानसभा चुनावों में बीजेपी अपने क्षेत्रीय नेताओं को चेहरा क्यों नहीं बना रही है? क्या अगले चुनावों में वह ऐसा करेगी या फिर प्रधानमंत्री मोदी ही चेहरा होंगे? जानिए इसके पीछे की वजह।
कांग्रेस में चुनाव की तारीखें घोषित हुई हैं तो राजनीतिक गहमागहमी बढ़ गई है। सवाल है कि अध्यक्ष पद के लिए क्या राहुल खड़े होंगे और ऐसा होगा तो क्या उनके सामने कोई चुनाव मैदान में उतरने की हिम्मत करेगा?
नोएडा में करोड़ों रुपये की लागत से बने ट्विन टावर को ढहाने के बाद एक सवाल जरूर खड़ा होता है कि क्या इन इमारतों को गिराना ही एक विकल्प रह गया था? इन्हें किसी काम में नहीं लाया जा सकता था?
भारतीय अर्थव्यवस्था 75 साल में कहाँ पहुँची? `किसी भी कीमत पर विकास’ की रणनीति ने देश का क्या हाल किया है? विमुद्रीकरण, त्रुटिपूर्ण जीएसटी और अचानक तालाबंदी से कैसा असर हुआ?
जम्मू कश्मीर कांग्रेस में कुछ दिन पहले गुलाम नबी आज़ाद के इस्तीफे के बाद आए राजनीतिक तूफान के बाद अब हिमाचल कांग्रेस में भूचाल आएगा? आख़िर कांग्रेस में दिक्कत कहाँ है?
आरएसएस ने लंबे वक्त तक तिरंगा क्यों नहीं फहराया। क्या बीजेपी और संघ के वैचारिक पुरखों का भारत के स्वाधीनता आंदोलन और राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे से जुड़ाव नहीं था?
बीजेपी खेमे से नीतीश कुमार के हटने से बीजेपी विरोधी सभी पार्टियाँ गदगद हैं, लेकिन क्या वे 2024 में किसी नाम पर एकमत हो पाएँगे? क्या वे दल नीतीश को विपक्ष का नेता मान पाएँगे?