प्रधानमंत्री मोदी परिवारवाद, वंशवाद को लेकर कांग्रेस पर लगातार हमला बोलते रहे हैं। मोदी अपनी चुनावी रैलियों में वंशवाद को देश की सबसे बड़ी समस्या बताते रहे हैं। वंशवाद पर प्रधानमंत्री ने कुछ दिन पहले ब्लॉग लिखकर कांग्रेस पर एक बार फिर तीख़ा हमला किया। उनकी देखादेखी बीजेपी के बाक़ी नेता भी कांग्रेस को वंशवादी पार्टी बताकर चुनावों में वोट बटोरने की कोशिश करते हैं। लेकिन यह जानना ज़रूरी है कि जो बीजेपी, कांग्रेस पर परिवारवाद को लेकर हमला बोलती है, वह इस मामले में ख़ुद कितनी दूध की धुली है।
बीजेपी आरोप लगाती है कि आज़ादी के बाद जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गाँधी, राजीव गाँधी, सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी और अब प्रियंका गाँधी तक कांग्रेस की वंशवादी राजनीति का हिस्सा हैं। लेकिन बीजेपी के नेताओं की लिस्ट इससे कहीं लंबी है। बात शुरू करते हैं बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह से। राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह नोएडा से विधायक हैं और उत्तर प्रदेश बीजेपी के महामंत्री हैं। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पीके धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर हमीरपुर सीट से सांसद हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह एटा से सांसद हैं, और तो और कल्याण सिंह के पोते संदीप सिंह योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री हैं।
केंद्रीय मंत्री मेनका गाँधी के बेटे वरुण गाँधी सुल्तानपुर से सांसद हैं तो राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत राजे झालावाड़ से पार्टी के टिकट पर सांसद हैं। वसुंधरा राजे ग्वालियर की महारानी विजयाराजे सिंधिया की बेटी हैं जो बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से थीं। वसुंधरा राजे की छोटी बहन यशोधरा राजे मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री थीं और वर्तमान में विधायक हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय विधायक हैं।
मोदी सरकार में ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल के पिता वेदप्रकाश गोयल अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे थे। मोदी सरकार में क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता ठाकुर प्रसाद के बेटे हैं।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के पिता देबेंद्र प्रधान ओडिशा में बीजेपी के बड़े नेता थे और वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री भी रहे थे। बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन के बेटे आशुतोष टंडन योगी सरकार में मंत्री हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह छत्तीसगढ़ के राजनंद गांव से सांसद हैं। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा पश्चिमी दिल्ली से सांसद हैं।
अभी और लंबी फ़ेहरिस्त है बीजेपी नेताओं के परिवारवाद की, बस आप पढ़ते जाइए। बीजेपी के दिग्गज नेता रहे चरती लाल गोयल के बेटे विजय गोयल मोदी सरकार में खेल मंत्री हैं। दिवंगत बीजेपी नेता प्रमोद महाजन की बेटी पूनम महाजन मुंबई नॉर्थ-सेंट्रल से लोकसभा सांसद हैं तो दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे महाराष्ट्र सरकार में मंत्री हैं।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी पत्नी साधना सिंह को विदिशा संसदीय सीट से टिकट दिलाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं और खु़द उन्हें भोपाल सीट से उतारे जाने की चर्चा जोरों पर है।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे सौरभ बहुगुणा विधायक हैं और विजय बहुगुणा की बहन रीता बहुगुणा योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बहन वंदना शर्मा हरियाणा की सफीदों विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं।
अभी आगे और पढ़िए कांग्रेस को परिवारवाद पर कोसने वाली बीजेपी के परिवारवादी नेताओं की लिस्ट। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे राघवेंद्र येदियुरप्पा शिमोगा से सांसद हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुदंरलाल पटवा के भतीजे सुरेंद्र पटवा शिवराज सरकार में पर्यटन मंत्री थे। दिल्ली में बीजेपी के वरिष्ठ नेता ओपी बब्बर के बेटे राजीव बब्बर तिलक नगर सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। इसी तरह दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय मल्होत्रा के बेटे अजय मल्होत्रा ग्रेटर कैलाश से चुनाव लड़ चुके हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पिता गंगाधर फडणवीस महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य रहे थे। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की पत्नी सुलक्षणा सावंत गोवा बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं।
इसके अलावा कुछ समय पहले बीजेपी छोड़ चुके पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री हैं और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आज़ाद के बेटे कीर्ति आज़ाद बीजेपी के टिकट पर सांसद रहे हैं। कीर्ति आज़ाद अब कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।
ये ढेर सारे नाम पढ़कर आप ख़ुद सोचिए कि आख़िर बीजेपी कैसे कांग्रेस पर परिवारवाद को लेकर हमला कर सकती है, जब उसके सैकड़ों नेता अपने परिजनों को राजनीति में फ़िट करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं। सवाल यह भी है कि वशंवाद को लेकर दिन-रात कांग्रेस पर हमला करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आख़िर बीजेपी के वशंवाद पर क्यों चुप हैं।
अपनी राय बतायें